Sawan News: इस महीने दीप और मालपुआ दान करने से मिलेंगी मन चाही मुरादें; जानिए खबर

By
On:
Follow Us

Sawan News: अधिक मास (Adhik Maas) 16 जुलाई से 17 अगस्त तक रहेगा। पुराणों में इस महीने को बहुत खास बताया गया है। इस पवित्र महीने का महत्व भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने ही बताया है। इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, स्नान-दान और ग्रंथों का पाठ करने की परंपरा है। जो अक्षय पुण्य देने वाले माने जाते हैं।

पुरूषोत्तम मास में भगवान विष्णु की पूजा के अलावा व्रत भी रखना चाहिए। पूजा में भगवान विष्णु और लक्ष्मी के 12 नामों का जाप करते हुए फूल और चंदन चढ़ाएं और तीन बार अर्घ्य दें। इसमें महापूजा का फल मिलता है। इस माह में दोपहर के समय किया गया स्नान, जप-होम, स्वाध्याय, पितृ तर्पण और देव पूजा अक्षय पुण्य देने वाले होते हैं। अधिमास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, नवमी या अष्टमी को व्रत करने का शास्त्रों में विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से दुख दूर हो जाते हैं।

अधिक मास में दान, जप और तप का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इस पवित्र माह में श्रीमद्भागवत, रामकथा और गीता सुनने से पुण्य में वृद्धि होती है। इन दिनों गंगा में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप दूर हो जाते हैं।

दीपदान का अनंत पुण्य

पुरूषोत्तम मास में सबसे महत्वपूर्ण कार्य दीपदान करना है। इस महीने में मंदिरों, तुलसी, आंवले के पेड़ों, नदियों, तालाबों, कुओं, बावड़ियों और तालाबों के किनारे दीपदान किया जाता है। इससे अनंत पुण्य मिलता है।

तुलसी, सालग्राम और आँवला पूजा

इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु के शालग्राम स्वरूप की पूजा करने से बहुत पुण्य मिलता है। इस माह में तुलसी और आंवले के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है। ऐसा करने से लोगों को सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

मालपुआ और पान का दान

पुरूषोत्तम मास में जरूरतमंद लोगों और ब्राह्मणों को मालपुए दान करने का विशेष महत्व है। इस पवित्र माह में पीतल के बर्तन में गुड़ और घी से बने 33 मालपुए रखकर बर्तन सहित दान करना चाहिए। इससे विश्व दान का पुण्य मिलता है। अगर आप यह दान रोजाना नहीं कर सकते तो कृष्ण पक्ष की अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी को कर सकते हैं। इस माह में इलायची, लौंग, कपूर, नागरपान, कस्तूरी, जावित्री और केचू से बना पेय दान करने से धन में वृद्धि होती है। जिससे दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है।

 

ये भी पढ़िए- Sawan News: भगवान विष्णु की पूजा के कायदे, क्यों होती है पूजा निष्फल; जानिए

For Feedback - vindhyaajtak@gmail.com 
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment

Live TV