Crime News: इंदौर (Indore) में फर्जी मार्कशीट (fake marksheets) बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़। पिछले पांच साल से इस मंडली के सदस्य हायर सेकेंडरी, हाईस्कूल और कई डिप्लोमा की मार्कशीट बनाकर लाखों रुपये (lakhs rupees) में बेच रहे थे।
पुलिस के अनुसार, समूह विभिन्न डिप्लोमा की मार्कशीट के माध्यम से निजी कंपनियों में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को निशाना बनाता था। इनका उपयोग विभिन्न विश्वविद्यालयों की डिप्लोमा मार्कशीट प्रदान करने के लिए किया जाता है।
हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल और कई डिप्लोमा की मार्कशीट बनाते थे लाखों रुपये लेकर करते थे काम आरोपी इंदौर और उज्जैन के निवासी हैं। आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है।
आरोपी से भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट (fake marksheets) बरामद
पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट बरामद की है। गिरफ्तार दोनों के पास से बीएएमएस, बीएचएमएस, लैब टेक्नीशियन, एम फार्मा, डी फार्मा और अन्य विषयों की सैकड़ों मार्कशीट बरामद की गईं। आरोपी इंदौर और उज्जैन के रहने वाले हैं। आरोपियों के नाम मनीष और दिनेश हैं. डीसीपी अभिषेक आनंद के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली थी कि फर्जी मार्कशीट बेची जा रही हैं. शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है।
आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट से कमाया करोड़ों रुपये
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है, पुलिस उनकी संपत्ति की जांच कर रही है कि वह कहां-कहां हैं। आरोपी मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, दिल्ली समेत कई राज्यों में मार्कशीट बेचते रहे हैं।
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