International News: 20 अगस्त को रूस का मून मिशन लूना-25 (Luna-25) चांद पर लैंडिंग से पहले ही क्रैश हो गया। इससे मिशन पर काम करने वाले 90 साल के साइंटिस्ट और एस्ट्रोनॉमर मिखाइल मारोव (astronomer Mikhail Marov) की तबियत बिगड़ गई है।
न्यूज वेबसाइट ‘इंडिपेंडेंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें मॉस्को (Moscow) में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रूसी मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा- ‘ये मेरे लिए जिंदगी का सवाल था। इसे झेलना मुश्किल हो रहा है। मारोव सिर्फ लूना-25 ही नहीं, बल्कि रूस के पहले किए गए मून मिशन में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने कहा- ‘मेरे लिए ये लूनर प्रोग्राम को फिर से शुरू होते देखने का आखिरी मौका था। इसमें जो भी गड़बड़ हुई उसकी बारीकी जांच की जाएगी।’
स्पेस एजेंसी (space agency) ने कहा कि शुरुआती एनालिसिस के नतीजों से पता चलता है कि कैलकुलेशन से जो पैरामीटर सेट किए गए थे उन पैरामीटरों से स्पेसक्राफ्ट (spacecraft) डेविएट हो गया। कैलकुलेटेड वैल्यू जितनी चाहिए थी ये उससे ज्यादा थी। इससे थ्रस्टर ज्यादा देर के लिए फायर हुए और स्पीड कम होने से स्पेसक्राफ्ट (spacecraft) एक ऑफ-डिजाइन ऑर्बिट में चला गया और चांद पर क्रैश हो गया।