Chandrayaan 3: भारतीय (Indian) लोककथाओं में पृथ्वी (Earth) को ‘मां’ और चंद्रमा (chandrama) को ‘मामा’ माना जाता है। ऐसे में ये अभी तक ये कहा जाता है कि ‘चंदा मामा दूर के’ (chanda mama dur ke), लेकिन वह समय अब दूर नहीं है जब बच्चे कहेंगे ‘चंदा मामा एक टूर के’ (Chanda Mama on a tour) यानी चांद (Chand) बस एक यात्रा की दूरी पर है।
ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफल लैंडिंग (successful landing) के ऐतिहासिक अवसर पर तब कही। जब वह चंद्रमा (Chandrama) की सतह पर चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग देखने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसरो की टीम (ISRO team) से जुड़े थे। प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों के समर्पण और प्रतिभा से भारत (India) चंद्रमा (chandrama) के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गया है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि आज के बाद से चंद्रमा (chandrama) से जुड़े सभी मिथक और कथानक बदल जायेंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतों के नए अर्थ हो जायेंगे।
चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफल लैंडिंग के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने इसरो की टीम (ISRO team) को संबोधित किया और उन्हें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।
इसरो की टीम (ISRO team) को परिवार के सदस्यों के रूप में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा कि चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग की जैसी ऐतिहासिक घटनाएं किसी राष्ट्र के जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती हैं। प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने उल्लास से भरे राष्ट्र से कहा, “यह क्षण अविस्मरणीय, अभूतपूर्व है। यह ‘विकसित भारत’ (developed india) के आह्वान का क्षण है, चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग (landing) भारत (India) के लिए विजय के आह्वान का क्षण है, यह कठिनाइयों के सागर को पार करने और जीत के ‘चंद्रपथ’ (Chandrapath) पर चलने का क्षण है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य और भारत में नई ऊर्जा के विश्वास का क्षण है। यह क्षण भारत (India) के उदयीमान भाग्य के आह्वान का है।” स्पष्ट रूप से उत्साहित प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा, “‘अमृत काल’ की पहली रोशनी में यह सफलता की ‘अमृत वर्षा’ है।”
India is now on the Moon.
ये क्षण, जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। pic.twitter.com/0hyTUvVL9E
— PMO India (@PMOIndia) August 23, 2023
चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग को लेकर प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने वैज्ञानिकों (scientists) को उद्धृत करते हुए कहा, ‘भारत अब चांद पर है!’ (India is on the moon now) उन्होंने कहा कि हम अभी नए भारत (new india) की पहली उड़ान के साक्षी बने हैं।
Historic day for India's space sector. Congratulations to @isro for the remarkable success of Chandrayaan-3 lunar mission. https://t.co/F1UrgJklfp
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2023
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने बताया कि वह इस समय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहान्सबर्ग में हैं, लेकिन हर नागरिक की तरह उनका मन भी चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) पर लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि हर भारतीय जश्न में डूब गया है और यह हर परिवार के लिए उत्सव का दिन है। इस खास मौके पर वह भी हर नागरिक के साथ पूरे उत्साह से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने टीम चंद्रयान (Team Chandrayaan), इसरो (ISRO) और वर्षों तक अथक परिश्रम करने वाले देश के सभी वैज्ञानिकों (scientists) को बधाई दी और उत्साह, आनंद और भावना से भरे इस अद्भुत पल के लिए 140 करोड़ देशवासियों को भी बधाई दी।
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने दुनिया के हर देश और क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “भारत का सफल चंद्र मिशन अकेले भारत (India) का नहीं है। यह एक ऐसा वर्ष है जिसमें दुनिया जी-20 (G-20) की भारत की अध्यक्षता का साक्षी बन रही है। ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का हमारा दृष्टिकोण दुनिया भर में गूंज रहा है। हम जिस मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं उसका सार्वभौमिक रूप से स्वागत किया गया है। हमारा चंद्र मिशन भी इसी मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है। इसलिए, यह सफलता पूरी मानवता की है। और यह भविष्य में अन्य देशों के चंद्र मिशनों में मददगार होगा।” श्री मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि ग्लोबल साउथ सहित दुनिया के सभी देश ऐसी उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम हैं। हम सभी चंद्रमा (Chandrama) और उससे आगे की आकांक्षा कर सकते हैं।”
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने विश्वास जताया कि चंद्रयान (Chandrayaan) महाअभियान की उपलब्धियां भारत की उड़ान को चंद्रमा (Chandrama) की कक्षाओं से आगे ले जायेंगी। श्री मोदी ने कहा, “हम अपने सौर मंडल की सीमाओं का परीक्षण करेंगे, और मानवता के लिए ब्रह्मांड की अनंत संभावनाओं को साकार करने के लिए काम करेंगे।” प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने के बारे में प्रकाश डाला और बताया कि इसरो (ISRO) जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ (‘Aditya L-1’) मिशन (Mission) लॉन्च करने जा रहा है। उन्होंने शुक्र ग्रह को भी इसरो (ISRO) के विभिन्न लक्ष्यों में से एक बताया। प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने मिशन गगनयान, जहां भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष (space) उड़ान मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार है, पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत बार-बार यह साबित कर रहा है कि आकाश की सीमा नहीं है।”
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन हम सभी को उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा और संकल्पों को साकार करने का रास्ता दिखाएगा। अंत में, वैज्ञानिकों को उनके भविष्य के सभी प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं देते हुए, प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा, “यह दिन इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है।”
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