National News: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana) से देश के कौशल-तंत्र (artisans of the country) को राष्ट्र के कारीगरों की जरूरतों के अनुरूप (skill system of the country) ढाला जा रहा है।
योजना का लाभ उठाकर परंपरागत कारीगर अपनी स्किल को स्केल दे पाएंगे। योजना से हर जिले के कुशल कारीगरों और कामगारों (skilled artisans and workers) को प्रशिक्षण एवं आर्थिक सहायता देकर, उनके हुनर, कला और प्रतिभा (art and talent) को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर (national and international level) पर स्थापित किया जायेगा। योजना में जिला स्तर पर बढ़ई, लोहार, सुनार जैसे शिल्पकारों और कारीगरों का कौशल सत्यापन किया जाएगा। आवश्यकतानुरूप इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। प्रशिक्षण एवं कौशल सत्यापन के बाद इन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। हर लाभार्थी को 15 हजार रुपए टूल-किट के लिए दिए जाएंगे। अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने या बढ़ाने के लिए आसान ऋण सुविधा दी जाएगी। पहले चरण में 5% की दर से एक लाख रुपए का कोलेटरल-फ्री ऋण, दूसरे चरण में तीन लाख रुपए का ऋण प्रावधान है। कारीगर की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिये। योजना का लाभ प्रत्येक परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित (limited) रहेगा। सरकारी सेवा में कार्यरत कोई भी व्यक्ति या उसके रिश्तेदार पात्र नहीं होंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana) से कुशल कारीगरों और कामगारों (skilled artisans and workers) को प्रशिक्षण एवं आर्थिक सहायता देकर (providing training and financial assistance), उनके हुनर, कला और प्रतिभा (art and talent) को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर (national and international level) पर स्थापित किया जायेगा।
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