धर्म-कर्म: जीवित्पुत्रिका व्रत जानिए क्यों है खास?; जानिए शुभ मुहूर्त

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धर्म-कर्म: जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast) आश्विन मास (Ashwin month) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (Ashtami date of Krishna Paksha) को रखा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast) को जितिया या जिउतिया या जीमूत वाहन का व्रत आदि (Jitiya or Jiutiya or Jimut Vahan fast) नामों से जाना जाता है।

इस वर्ष ये व्रत 06 अक्टूबर, शुक्रवार यानि कि आज है। इस व्रत को मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और अच्छी जिंदगी के लिए रखती हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast) को तीन दिन तक किया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast) में तीन दिन तक उपवास किया जाता है। महिलाएं व्रत के दूसरे दिन और पूरी रात में जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करती हैं। पहले दिन महिलाएं स्नान करने के बाद भोजन करती हैं और फिर दिन भर कुछ नहीं खाती हैं। व्रत का दूसरा दिन अष्टमी को पड़ता है और यही मुख्य दिन होता है।

इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत (observe Nirjala fast) रखती हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast) के तीसरे दिन पारण करने के बाद भोजन ग्रहण (Food is consumed) किया जाता है।

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त

तिथि आरंभ: 6 अक्टूबर शुक्रवार सुबह 6 बजकर 34 मिनट से

तिथि समापन: 7 अक्टूबर सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

 

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