Singrauli Breaking (सिंगरौली ब्रेकिंग): सिंगरौली के विधानसभा क्षेत्र (Singrauli assembly constituency) के ज्यादातर मतदाताओं (voters) में फिलहाल कन्फ्यूजन (confusion) वाले चलते देखने को मिल रहे हैं और वह सॉल्यूशन (solutions) की तलाश में जुटे हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र (Singrauli assembly constituency) का चुनावी दंगल (Chunavi Dangal) में कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं। दरअसल, परिक्षेत्र में कहीं ये चर्चा है कि सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र ((Singrauli assembly constituency) में चुनावी दंगल (Chunavi Dangal) त्रिकोणीय होने वाला है, तो कहीं ये चर्चा कि यहां चुनावी दंगल (Chunavi Dangal) दो उम्मीदवारों (candidates) के बीच होगा। इन तमाम चर्चाओं के कारण मतदाताओं (voters) के दिलो-दिमाग पर उम्मीदवारों को लेकर कन्फ्यूजन (confusion) ही कन्फ्यूजन (confusion) होना स्वाभाविक है। इन हालात में से सवाल ये उठता है कि आखिर मतदाताओं (voters) में उम्मीदवारों (candidates) को लेकर कन्फ्यूजन (confusion) ही कन्फ्यूजन (confusion) क्यों?
तो आपको बता दें कि सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र (Singrauli assembly constituency) का चुनावी दंगल से जुड़े इस सवाल का जवाब भी परिक्षेत्र में होने वाली चर्चाओं में ही छिपा है और जवाब है विकास से ज्यादा जातीय व दलीय समीकरण। जिससे कन्फ्यूजन (confusion) होना स्वाभाविक है।
कन्फ्यूजन (confusion) नंबर-1
दरअसल, दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस (Congress) व भाजपा (BJP) ने सिंगरौली विधानसभा में जिस प्रकार से एक ही जाति के दो बड़े चेहरों को उतार दिया है, उससे मतदाता कन्फ्यूज (confusion) हैं कि वह अब किसके पक्ष में मतदान करें? ये कनफ्यूजन (confusion) दिलों-दिमांग में तब और भी बढ़ जा रहा है जब मतदाता (voter) अभी तक सत्ताधारी रही पार्टी की योजनाओं से मिले लाभ का ख्याल आता है, तो दूसरी ओर मतदाता (voter) के जहन में एक ख्याल ये भी आता है कि इतने लंबे समय से एक ही पार्टी के चेहरों को देख-देखकर और उनकी एक ही बात को बार-बार सुन-सुनकर थक चुके हैं, इसलिए अब बदलाव होना चाहिए।
कन्फ्यूजन (confusion) नंबर-2
मतदाताओं (voters) में कन्फ्यूजन (confusion) का दूसरा बड़ा कारण ये भी है कि कई दशकों से कांग्रेस (Congress) व भाजपा (BJP) के जनप्रतिनिधियों को देखते हुये लंबा समय बीत चुका है और अब कुछ नया होना चाहिए। इसके लिए किसी नये को मौका देना चाहिए और ये सोचने पर जहन में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का ख्याल आता है, जिसने देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के बाद पंजाब (Punjab) में भी अपनी जीत का झंडा लहराकर इतिहास रचा है। ऐसा करके मतदाता (voter) भाजपा (BJP), कांग्रेस (Congress) के अलावा तीसरे विकल्प की तलाश को पूरा करने का सोच रहा है।
नोट- परिक्षेत्र के मतदाताओं (voters) के ऐसे कन्फ्यूजन (confusion), उनके सॉल्यूशन (solutions), विचारों और सवालों को लेकर जल्द ही आयेंगे।
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