UP News: उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) 22 जनवरी 2024 के बाद अयोध्या (Ayodhya) के लिए हेलीकॉप्टर (helicopter) सुविधा देने जा रही है। क्योंकि जब नये भारत की नयी अयोध्या (New Ayodhya) आ चुकी है, तो अयोध्या (Ayodhya) जाने के लिए हर व्यक्ति इच्छुक है।
अपने सरकारी आवास पर दो धागे श्रीराम (ShriRam) के लिए कार्यक्रम को सम्बोधित करने के दौरान ये बात उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) को श्रीराम जन्मभूনি तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Pilgrimage Area) के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द देव गिरि द्वारा आगामी 22 जनवरी को श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आमंत्रण पत्र दिया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Pilgrimage Area) को हेरिटेज एण्ड हेण्डवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्रीरामलला के वस्त्र प्रदान किए गए। इससे पूर्व श्रीरामजन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) का रामायण (Ramayan) नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि दो धागे श्रीराम (Shri Ram) के लिए कार्यक्रम राम भक्ति का ताना और हैण्डलूम का बाना के समन्वय को स्पष्ट करता है। राममक्ति का ताना हस्तशिल्प परम्परा को एक नई ऊर्जा व नई दिशा प्रदान करने वाला है। इस कार्यक्रम से लोगों के मन में एक नया नाव अवश्य आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामो विग्रहवान् धर्म। श्रीराम धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष के माध्यम है। श्रीराम नाम सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है। लोग सहज भाव से श्रीराम नाम से जुड़ते है। श्रीराम हमारी आर्थिकी के प्रतीक है। श्रीराम हम सभी को एक नई प्रेरणा देने वाले है और मुक्तिदाता भी है। प्रभु श्रीराम का जीवन हमे धैर्य संयम के साथ एक मर्यादित आचरण का संदेश देता है। विपरीत परिस्थितियों में हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए बल्कि पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः। भारत में श्रीराम (Shri Ram) के बिना कोई कार्य नहीं होता। हमारी दिनचर्या में श्रीराम (Shri Ram) समाए हैं। समाज में विभिन्न शुभ एवं मांगलिक कार्यक्रमों में रामनाम पात संकीर्तन आदि सम्पन्न होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 600 पथी के कालखण्ड में श्रीरामजन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) का मुद्दा कभी दबा नहीं। लोग बिना शुरूं, बिना डिगे, बिना के श्रीराम जन्मभूमि के लिए कार्य करते रहे। राम नाम से तर जाने वाले लोगों के अनेक उदाहरण है।
लगभग 500 वर्षों के बाद लोक आस्था और जनविश्वास पर आधारित प्रभु श्रीराम (Shri Ram) के पुनर्प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम द्वारा श्रीरामलला मूर्त रूप में श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान होने जा रहे है। इस कार्यक्रम से श्रीराम भक्तों और दुनिया की यबी, कुचली, सभाता व संस्कृति को नई प्रेरणा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमारी से अयोध्या में अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया जा चुका है। लगभग 821 एकड़ क्षेत्र में यह अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विस्तृत है। अयोध्या को लखनऊ, गोरखपुर प्रयागराज, वाराणसी से जोड़ते हुए 04-तेन कनेक्टिविटी प्रदान की जा चुकी है। अयोध्या के अन्दर भी 54 लेन कनेक्टिविटी दी जा चुकी है। अया को उबल लाइन रेलवे कनेक्टिविटी मिल गयी है। अयोध्या में पवित्र सरयू नदी में कूज संचालित होगा यह पहले कापना थी. लेकिन आज वास्तविकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पंचकोसी, औदहकोसी चौरासीकोसी परिक्रमा को कोई रोक नहीं सकता। अयोध्या में कर्फ्यू नहीं लगेगा। श्रीराम नाम के संकीर्तन होंगे। दीपोत्सव कार्यक्रम द्वारा नयी अयोध्या श्रीराम ज्योति के साथ जगमगाती हुई हम सबको देखने को मिल रही है। हम सभी को अयोध्या को अयोध्या के अनुरूप बनाने, संवारने और देश दुनिया में एक नये संदेश के साथ मजबूती की साथ आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Pilgrimage Area) के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द देव गिरि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मार्गदर्शक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहकार्यवाह और वरिष्ठ प्रचारक श्री सुरेश जोशी मईया जी तथा हेरिटेज एण्ड हैण्डयीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट की संचालक श्रीमती अनघा पैस ने भी सम्बोधित किया।
ज्ञातव्य है कि श्रीरामलला केक बनाने में 12 से अधिक भक्तो की आस्था व जनसहयोग रहा है। इनमे विभिन्न जाति भाषा प्रान्त के लोग शामिल रहे है। साथ ही करा कला को दो धागे श्रीराम के लिए कार्यक्रम से बढ़ावा मिला है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्रीमती जना पैसास जी का योगदान अत्यन्त सराहनीय है।
इस अवसर पर गायत्री पीठ महासंस्थान हम्पी, कर्नाटक के पीठाधिपति पूज्य स्वामी दयानन्द पुरी जी महाराज, हेरिटेज एण्ड हैण्डवीचिंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विनय पत्राले सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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