interim budget 2024: गुरुवार को संसद में अंतरिम केन्द्रीय बजट (interim Union Budget) 2024-25 पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance and Corporate Affairs Minister Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की है कि अगले वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपये किया जा रहा है जो सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) का 3.4 प्रतिशत होगा।
वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि पिछले चार वर्षों में पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर तीन गुना कर देने के परिणामस्वरूप देश में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर व्यापक गुणक प्रभाव पड़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान, जिसे वित्त मंत्री (Finance Minister) के भाषण के साथ पेश किया गया, के अनुसार भारत में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही यह आरबीआई (दिसंबर 2023 में आयोजित इसकी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में) द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विकास अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर देने के अनुरूप भी है जो वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में दर्ज की गई दमदार विकास पर आधारित है।
बजट (budget) में वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अपनी दमदार मजबूती का प्रदर्शन किया है और इसके साथ ही उल्लेखनीय वृहद आर्थिक तत्वों को बरकरार रखा है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अक्टूबर 2023 में अपने विश्व आर्थिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में अपने विकास अनुमान को संशोधित करके जुलाई 2023 के अनुमानित 6.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। यह ऐसे समय में भारत की दमदार आर्थिक क्षमता में पूरी दुनिया के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है जब वर्ष 2023 में वैश्विक विकास का अनुमान 3 प्रतिशत पर यथावत रहा है।
वर्ष 2024-25 में भारत में आर्थिक विकास दर का अनुमान
आईएमएफ के अनुसार भारत के वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (बाजार विनिमय दर पर डॉलर में) बन जाने की प्रबल संभावना है और यह भी अनुमान लगाया गया है कि पांच वर्षों में वैश्विक विकास में भारत का योगदान 2 प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसके अलावा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों जैसे कि विश्व बैंक, आईएमएफ, ओईसीडी, और एडीबी ने वर्ष 2024-25 में भारत में आर्थिक विकास दर क्रमश: 6.4, 6.3, 6.1, और 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
राजस्व संग्रह में तेज उछाल
वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ने से राजस्व संग्रह में तेज उछाल देखने को मिली है। उन्होंने इस ओर ध्यान दिलाया कि जीएसटी (GST) संग्रह दिसंबर 2023 में 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा है। दरअसल, सातवीं बार सकल जीएसटी (GST) राजस्व 1.6 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार चला गया है।
कुल प्राप्तियां और कुल व्यय
वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि वर्ष 2024-25 में उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ और 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
राज्यों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की योजना की घोषणा
वित्त मंत्री (Finance Minister) ने एक प्रमुख घोषणा के तहत कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की योजना इस वर्ष जारी रखी जाएगी और कुल परिव्यय 1.3 लाख करोड़ रुपये होगा। 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75000 करोड़ रुपये का प्रावधान इस वर्ष प्रस्तावित किया गया है, ताकि राज्य सरकारों की ‘विकसित भारत’ संबंधी उपलब्धियां आधारित सुधारों को लागू करने में आवश्यक सहायता दी जा सके।
राजकोषीय सुदृढ़ीकरण
राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, जैसा कि वित्त मंत्री (Finance Minister) के 2021-22 के बजट (budget ) भाषण में घोषणा की गई है, के तहत राजकोषीय घाटे को कम करके वर्ष 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से भी नीचे लाने का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि इसी मार्ग पर अग्रसर होते हुए राजकोषीय घाटा वर्ष 2024-25 में जीडीपी (GDP) का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
सकल और शुद्ध बाजार उधारियां
इसी तरह वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए सकल और शुद्ध बाजार उधारियां क्रमश: 14.13 और 11.75 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है और ये दोनों ही वर्ष 2023-24 के दौरान आंकी गई सकल और शुद्ध बाजार उधारियों से कम होंगी।
वित्त मंत्री (Finance Minister) ने और क्या-क्या कहा, जानिए
- अर्थव्यवस्था के कुछ चमकते बिंदुओं का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री (Finance Minister) ने बताया कि उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपये है जिसमें कर प्राप्तियां 23.24 लाख करोड़ रुपये हैं। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपये है। 30.03 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों के बजट अनुमान से कहीं ज्यादा रहने की आशा है जो देश में विकास की गति तेज रहने और अर्थव्यवस्था के औपचारिकरण को दर्शाता है।
- वित्त मंत्री (Finance Minister) ने यह भी कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए सकल और शुद्ध बाजार उधारियां क्रमश: 14.13 लाख करोड़ और 11.75 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है और ये दोनों ही उधारियां वर्ष 2023-24 की तुलना में कम रहेंगी।
- वित्त मंत्री (Finance Minister) ने घोषणा की कि वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2023 तक की अवधि के दौरान देश में एफडीआई प्रवाह 596 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ है जो स्वर्णिम युग को दर्शाता है और जो वर्ष 2005-2014 के दौरान हुए कुल एफडीआई प्रवाह का दोगुना है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि देश में विदेशी निवेश को निरंतर प्रोत्साहित करने के लिए हम ‘पहले भारत को विकसित करो’ की भावना के तहत अपने विदेशी साझेदारों के साथ द्विपक्षीय निवेश समझौतों पर बात कर रहे हैं।
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