ministry of coal: सरकार घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रही है। कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने निम्नलिखित कई कदम उठाए हैं।
इस संबंध में Union Coal, Mines and Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi ने बुधवार को लोक सभा में जानकारी दी है। ये जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री ने एक सवाल के लिखित जवाब में दी है। उन्होंने कहा है कि इस क्रम में कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय की ओर से नियमित समीक्षा की गई। कैप्टिव खाने स्वामियों (परमाणु खनिजों को छोड़कर) को खान के साथ संबद्ध अंत्य उपयोग संयंत्र की जरूरत को पूरा करने के बाद ऐसी अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करने पर केंद्र सरकार द्वारा पहले से निर्धारित तरीके से खुले बाजार में अपने वार्षिक खनिज (कोयला सहित) उत्पादन का 50 फीसदी तक विक्रय करने में सक्षम बनाने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम- 2021 को लागू करने जैसे कदम उठाए गए।
कोयला खानों के परिचालन में तेजी लाने को लेकर कोयला क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल। कोयला खानों के शीघ्र परिचालन को लेकर विभिन्न अनुमोदन/मंजूरी प्राप्त करने के लिए कोयला ब्लॉक आवंटितियों की सहायता के लिए परियोजना निगरानी इकाई।
राजस्व हिस्सेदारी आधार पर वाणिज्यिक खनन की नीलामी साल 2020 में शुरू की गई। वाणिज्यिक खनन योजना के तहत उत्पादन की निर्धारित तारीख से पहले उत्पादित कोयले की मात्रा के लिए अंतिम ऑफर पर 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। साथ ही, कोयला गैसीकरण या द्रवीकरण पर प्रोत्साहन (अंतिम ऑफर पर 50 फीसदी की छूट) दिया गया है।
वाणिज्यिक कोयला खनन के नियम और शर्ते काफी उदार हैं, जिनमें कोयले के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। नई कंपनियों को बोली प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति है, अग्रिम धनराशि में कमी की गई है, मासिक भुगतान के लिए अग्रिम धनराशि का समायोजन, कोयला खानों के परिचालन को लेकर लचीलेपन को बढ़ाना देने के लिए उदार दक्षता मानदंड, पारदर्शी बोली प्रक्रिया, ऑटोमैटिक रूट के माध्यम से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और राष्ट्रीय कोयला सूचकांक पर आधारित राजस्व हिस्सेदारी मॉडल।
उपरोक्त के अलावा कोयला कंपनियों ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने सभी आवश्यक संसाधनों जैसे पर्यावरण मंजूरी, भूमि अधिग्रहण और कोयला हैंडलिंग संयंत्र (सीएचपी)/साइलो के जरिए मशीनीकृत लदान जैसी निकासी अवसंरचनाओं, रेल परियोजनाओं आदि को पूरा करने के लिए पहचान कर ली गई है और कार्रवाई शुरू कर दी है। सीआईएल खानों के विस्तार (ब्राउनफील्ड परियोजनाओं), नई खानों (हरित क्षेत्र परियोजनाओं) को खोलने, भूमिगत (यूजी) और ओपनकास्ट (ओसी), दोनों तरह की इसकी खानों के मशीनीकरण व आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सीआईएल अपनी यूजी खानों में, जहां कहीं भी यह व्यावहारिक हो, प्रमुख रूप से टिकाऊ खनिकों (सीएम) के साथ व्यापक उत्पादन प्रौद्योगिकियां (एमपीटी) अपना रही है। सीआईएल ने हाईवॉल (एचडब्ल्यू) खानों की भी योजना बनाई है। अपनी ओसी खानों में सीआईएल के पास पहले से ही अपनी उच्च क्षमता वाले उत्खनन, डंपरों और सतही खनिकों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है।
सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) की ओर से नई परियोजनाओं को स्थापित करने और मौजूदा परियोजनाओं के परिचालन के लिए नियमित रूप से संपर्क किया जा रहा है। एससीसीएल ने कोयले की निकासी के लिए सीएचपी, क्रशर, मोबाइल क्रशर, प्री-वे बिन्स आदि जैसी अवसंरचना विकसित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान देश में कोयले का उत्पादन निम्नलिखित है:
साल |
कोयला उत्पादन (मिलियन टन में) |
2018-19 |
728.72 |
2019-20 |
730.87 |
2020-21 |
716.08 |
2021-22 |
778.21 |
2022-23 |
893.19 |
2023-24 (जनवरी, 2024 तक) |
784.10 |
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