Miniratna NCL: सिंगरौली जिले (Singrauli District) में मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) की जयंत खदान (Jayant Mines) में बुधवार को एक एनसीएल कर्मी (NCL staff) का शव खदान में मिला है।
एनसीएल कर्मी (NCL staff) का शव जयंत खदान (Jayant Mines) के वेस्ट सेक्शन में बुधवार को सुबह करीब 6.30 बजे के दरमियान मिला। मृत मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) कर्मी उमेश कुमार नोनिया बताया जा रहा है। जो कि जयंत परियोजना में डम्पर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था। मंगलवार की रात जब वह नाइट शिफ्ट ड्यूटी पर गया था, तो ड्यूटी में रातभर उससे खदान में पीसी-2000 चलवाया गया और फिर अगले दिन बुधवार को उसका शव मशीन के बाहर पड़ा मिला।
मौके पर पहुंचे अधिकारियों-कर्मचारियों ने उमेश की सांसें चेक की तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद भी उमेश को मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) के नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की उसकी जांच कर मृत घोषित कर दिया।
वहीं, इस घटना में एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) कर्मी उमेश जब डम्पर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था देने से तो उनसे पीसी मशीन क्यों ऑपरेट कराई जा गई? इससे इस मामले में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर उमेश की मौत कैसे हुई?
बुधवार को उमेश के शव का पीएम नहीं किया गया है। इसका कारण ये बताया जा रहा है कि उमेश यहां परियोजना में अकेले ही रह रहे थे, उनका परिवार अपने गृह क्षेत्र में रहता है। इसीलिए पीएम कराने के लिए प्रबंधन मृतक के परिजनों का इंतजार कर रहा है और इसीलिए शव को फिलहाल मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) के नेहरू अस्पताल की मर्चुरी में सुरक्षित रखा दिया गया था।
मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) के खदान क्षेत्र में हुई इस मौत की सूचना भी डीजीएमएस को दिये जाने की बात प्रबंधन के सूत्र बता रहे हैं, लेकिन बुधवार की शाम तक इसकी जांच करने डीजीएम के जिम्मेदार जयंत नहीं पहुंचे थे।इस हादसे की जांच कराने के लिए बुधवार को ही आनन-फानन में श्रमिक संघ बीएमएस व इंटक के कंपनी स्तरीय जेसीसी सदस्य बिरेन्द्र सिंह बिष्ट, श्यामधर दुबे, अरूण दुबे सहित परियोजना स्तरीय अन्य श्रमिक संघ प्रतिनिधि भी घटना स्थल पर पहुंचे थे। ऐसे में श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के दल को मौके पर कई कमियां मिलीं।
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