Ministry of Mines: राज्यर खनन सूचकांक कार्यशाला में 26 राज्यों ने क्यों भाग लिया?; जानिए

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Ministry of Mines: खान मंत्रालय (Ministry of Mines) ने बुधवार को राज्य खनन सूचकांक पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। Ministry of Mines: राज्यर खनन सूचकांक कार्यशाला में 26 राज्यों ने क्यों भाग लिया?; जानिए

यह कार्यशाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय खान विद्यापीठ (आईआईटी-आईएसएम), धनबाद की सहभागिता से आयोजित की गई। यह सूचकांक खनन क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक राज्य के भीतर खनन व्यवसाय करने में आसानी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करेगा। कार्यशाला की अध्यक्षता खान मंत्रालय के सचिव वी.एल. कांथा राव ने की। अपने संबोधन में श्री राव ने खनन क्षेत्र के विकास में राज्यों के प्रयासों को नीति रूपरेखा में उचित रूप से प्रतिबिंबित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राज्य खनन सूचकांक के महत्व पर बल देते हुए कहा कि यह सहकारी संघवाद के साथ-साथ राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। इस अभ्यास को सफल बनाने में राज्यों की सक्रिय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे समय पर सांख्यिकीय रिटर्न ठीक से जमा करके डेटा संग्रह प्रयासों में मदद करें।

इस कार्यशाला में केंद्र और राज्य सरकारों के नीति निर्माताओं, प्रशासकों और अभ्यासकर्ताओं को एक मंच प्रदान किया गया।

26 राज्यों के प्रधान सचिवों, निदेशकों और अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शन के संकेतकों और उप-संकेतकों पर चर्चा करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया, जो सूचकांक ढांचे और कार्यप्रणाली का हिस्सा हैं। राज्यों से परामर्श और फीडबैक के बाद, राज्य खनन सूचकांक की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा और अप्रैल 2025 में होने वाली वास्तविक रैंकिंग के लिए जुलाई 2024 में जारी किया जाएगा।

 

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