Lalitpur singrauli rail line: ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना में किस जिले से कितनों को नौकरी मिली?; जानिए

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Lalitpur singrauli rail line: ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) में किस जिले से कितनों को रेलवे (Railway) से नौकरी मिली?

ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) से जुड़े इस सवाल का जवाब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के द्वारा पूंछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आया है। दरअसल, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सरकार से पूछा था कि भूमि के बदले नौकरी का वादा भी रेलवे (Railway) ने किया था। इस प्रश्न के जवाब में रेल प्रशासन (Railway Administration) द्वारा घुमा फिराकर जबाब देते हुए बताया गया कि सत्र 2021-22 तक 1581 किसानों को नौकरी दी गई। जबकि वादा करने या उसके बाद नौकरी संबंधी कार्यवाही रूकने को लेकर भी कोई स्पष्टीकरण रेल प्रशासन (Railway Administration) ने नहीं दिया। वहीं, ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) के तहत 6 जिलों में से सबसे ज्यादा सीधी के 4818 किसानों से भूमि ली गई और सतना, सिंगरौली जिले में भी अधिकाधिक किसानों से भूमि ली गई।

मंत्रालय द्वारा दिए उत्तर के मुताबिक ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) अंतर्गत के अन्य जिलों में तो कुछ नौकरी दी लेकिन सिंगरौली जिले से एक भी किसान को भूमि के बदले रेल प्रशासन (Railway Administration) ने नौकरी नहीं दी और किसानों को जमीन के बदले मुआवजा देने की बात कही गई है।

ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) में ये लाइन चालू-
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के द्वारा पूंछे गए एक सवाल के जवाब में रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने राज्यसभा को ये भी बताया कि रेललाइन ललितपुर-खजुराहो-महोबा लाइन चालू हो गई है। शेष प्रस्तावित स्थल में निर्माण कार्य जारी है। उक्त जानकारी रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने राज्यसभा में अगस्त 2023 को दी।

अब तक कितने किसान नौकरी से वंचित?

बता दें कि ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) के लिए रेल प्रशासन (Railway Administration) ने 13 हजार 750 किसानों की भूमि अधिग्रहित की। इसके बदले महज 1581 किसानों या उनके परिजनों को नौकरी दी, जो कुल भू-अधिग्रहण से प्रभावित किसानों का साढ़े 11 प्रतिशत है। यानी करीब, शेष 12 हजार 169 किसान अभी भी नौकरी से वंचित हैं। रेल प्रशासन (Railway Administration) की इस वादाखिलाफी को लेकर पिछले 1 वर्ष से किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन रेल प्रशासन (Railway Administration) किसानों इस मांग को अनसुना कर रहा है।

ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) से जुड़ी ये जानकारी भी जानिए

गौरतलब है कि 7 वर्ष पहले वर्तमान केंद्र सरकार ने इस ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना (Lalitpur-Singrauli Rail Project) की दोबारा आधारशिला रखी थी। करीब 541 किलोमीटर की उस परियोजना के लिए 8913.93 करोड़ रुपये अनुमानित लागत तय हई। इसमें से मार्च 2023 तक परियोजना में 4086 करोड़ रुपये व्यय हो चुका है।

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