Mauganj News: पुश्तैनी जमीन के तीन हिस्सेदारों में से एक हिस्सेदार को अंधेरे में रखकर दो हिस्सेदारों को लाभ पहुंचाने जमीन के बटंनवारा का आदेश जारी कर देने का मामला सामने आया है। वैसे तो ये मामला मऊगंज (Mauganj) जिले का अक्टूर-2023 का है, लेकिन मामले में जिस अधिकारी पर आरोप लग रहे वह वर्तमान में सिंगरौली (Singrauli) में पदस्थ हैं।
दरअसल, पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उनकी पुश्तैनी जमीन में परिवार के तीन हिस्सेदार थे, लेकिन दो हिस्सेदारों स्व. रामानुज के पुत्रों व भाई जगजीवन और रामायण प्रसाद मिश्र के साथ शिवानंद, नारेंद्र अन्य ने उन्हें अंधेरे में रखकर चोरी-छिपे उक्त पुश्तैनी जमीनों की पुल्ली बनाकर बटंनवारा तहसील से करा लिये। जबकि इस मामले में वहां के पटवारी के द्वारा इस प्रकरण में बाकायदा टीप लगाई गई थी कि उक्त प्रकरण में तीन हिस्सेदार हैं और तीसरे हिस्सेदार सत्यनारायण मिश्र व रामनारायण मिश्र से बटंनवारा के समय न उपस्थित थे और न ही पुल्ली के लिए उनकी सहमति थी, तो इसके बाद भी वहां के तत्कालीन नायब तहसीलदार मान सिंह आरमो द्वारा पटवारी की इस टीप को अनदेखा कर दिया गया और उक्त प्रकरण के दो हिस्सेदारों के मनमुताबिक पुश्तैनी जमीन का बटंनवारा आदेश जारी कर दिया। यानी नियमों को ताक पर रखकर दो हिस्सेदारों को सीधे लाभ पहुंचाया गया और पीड़ित पक्ष संशय में है कि आखिर ये सब कैसे हो गया? इसलिए खुद पीड़ित पक्ष ने आरोप तत्कालीन नायब तहसीलदार पर मामले में आरोप भी लगाए हैं। ये मामला मऊगंज जिले के नईगढ़ी तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का बहेरा ग्राम जुड़मानिया मुटलके माजन का है।
आरोप ये भी है कि उक्त मामले में बटंनवारा आदेश जारी होने के बाद भी तीसरे पक्ष को न तो जानकारी दी गई और न ही किसी प्रकार से भनक लगने दिया गया। लेकिन काफी समय के बाद जब उन्हें पता चला तो उनके पैरो तले जमीन ही खिसक गई।
पीड़ित पक्ष ने अब इसे लेकर स्थानीय एसडीएम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है और वहां प्रकरण की सुनवाई के बाद जो फैसला होगा, उससे ही आगे की स्थिति क्लियर होगी।
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