Ministry of Coal: विभिन्न खानों के खनन से प्राप्त कोयले की गुणवत्ता को कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) द्वारा श्रेणीबद्ध किया जाता है और ऐसे परिणाम संबंधित कोयला कंपनियों द्वारा खान के नाम के आधार पर सार्वजनिक किए जाते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया है कि जिन व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को इन खानों से कोयले आपूर्ति की जाती है, उनके पास निर्धारित सूची से एक स्वतंत्र तृतीय पक्ष नमूनाकरण एजेंसी (टीपीएसए) के जरिये वास्तव में उन्हें भेजे जा रहे कोयले का आगे परीक्षण कराने का विकल्प होता है। कोयले के नमूने लेने के लिए नियुक्त टीपीएसए विक्रेता और क्रेता दोनों के साथ परिणाम साझा करते हैं। टीपीएसए के परिणामों को उपभोक्ता के साथ-साथ विक्रेता भी चुनौती दे सकते हैं।
किसी चुनौती के मामले में, कोयले को सरकारी राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) को संदर्भित किया जाता है। निर्णायक (रेफरी) नमूने का परिणाम विक्रेता और क्रेता दोनों को उपलब्ध कराया जाता है।
कोयले की गुणवत्ता के संबंध में निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
- i. कोयला उपभोक्ताओं के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड और सीआईएल द्वारा स्वतंत्र टीपीएसए को सूचीबद्ध किया गया है।
- ii. कोयला उपभोक्ताओं के पास निर्धारित सूची में से टीपीएसए को चुनने का विकल्प है, जो लदान-स्थल पर तीसरे पक्ष की नमूना गतिविधियाँ संचालित कर रहे हैं।
- iii. कोयला के विश्लेषण के बाद टीपीएसए द्वारा प्रस्तुत परिणामों के आधार पर अंतिम परिणाम स्वीकार किए जाते हैं। तदनुसार, डेटा को केंद्रीकृत डेटाबेस में बनाए रखा जा रहा है, जिसे अंतिम निपटान के लिए अंतिम उपभोक्ताओं द्वारा भी स्वीकार किया जाता है।
- iv. ऐसे मामलों में जहां उपभोक्ता स्वतंत्र तीसरे पक्ष के नमूना का विकल्प नहीं चुनते हैं, वाले स्थल से कोयले की घोषित श्रेणी ली जाती है। श्रेणी की घोषणा कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) द्वारा की जाती है।
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