Singrauli News: सिंगरौली जिले में बोरवेल में गिरने से मृत हुई मासूम सौम्या के मामले में PHE के दो अधिकारियो को निलंबित किया गया है।
दरअसल, सिंगरौली की इस दर्दनाक घटना में मासूम की मौत मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा संज्ञान में लेने के बाद जिला प्रशासन दूसरे दिन मंगलवार को हरकत में आया और आनन-फानन में जनपद पंचायत चितरंगी में पदस्थ रहे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिश्चंद्र द्विवेदी और PHE के SDO एमएल पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश रीवा कमिश्नर बीएस जामोद ने दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर सिंगरौली की मासूम की मौत मामले में संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनपद पंचायत चितरंगी के एक गांव में 3 वर्षीय बालिका के खुले बोरवेल में गिरने से दु:खद मौत हुई थी। खुले बोरवेल का सत्यापन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में लापरवाही बरती गई है। इसलिए पीएचई में पदस्थ सहायक यंत्री एमएल पटेल व तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ हरिश्चंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दे दिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भविष्य में ऐसी अप्रिय दुर्घटना की पुनरावृत्ति न होने पाये, यह सुनिश्चित किया जाये।
बता दें कि खुले बोरवेल/नलकूप बंद कराने का अभियान 24 अप्रैल 2024 को शुरू किया गया था। जिसमें स्पष्ट निर्देश था कि एक भी बोरवेल खुला नहीं छूटना चाहिये, इसलिए प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य था। उस समय हरिश्चंद्र द्विवेदी जनपद पंचायत चितरंगी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी थे, जबकि एमएल पटेल एसडीओ पीएचई थे। इसके कारण कमिश्नर बीएस जामोद ने जनपद पंचायत चितरंगी के तत्कालीन सीईओ हरिश्चंद्र द्विवेदी और पीएचई एसडीओ एमएल पटेल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के प्रतिवेदन पर किया है।
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