Singrauli Breaking (लक्ष्मण चतुर्वेदी): जनपद पंचायत चितरंगी (Janpad Panchayat Chitrangi) के ग्राम पंचायत पोड़ी तृतीय में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) एवं मनरेगा योजना (MNREGA Yojana) में पंचायत के रोजगार सहायक अवधेश गर्ग ने अपने चहेते व परिवार के सदस्य अजय गर्ग तथा अरविंद गर्ग को प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) का लाभ पहुंचा दिया।
आरोप है कि अजय गर्ग एवं अरविंद गर्ग ने आवास नही बनाया और 3 लाख रूपये डकार गये। इसकी शिकायत हुई तो जनपद की जांच टीम ने जीआरएस के अन्य कारनामों का भी पर्दाफाश कर दिया। सिंगरौली जिले के चितरंगी जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पोंडी तृतीय के रोजगार सहायक की गिरफ्तारी भी हो ही गई। पोंडी तृतीय के रोजगार सहायक अवधेश प्रसाद गर्ग जनपद चितरंगी क्षेत्र में पदस्थ हैं एवं संबंधित ग्राम पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीणों के द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जनसुनवाई में अब तक सैकड़ों आवेदन दिए जा चुके हैं। जिसमें कि अवधेश प्रसाद गर्ग के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की एक लंबी लिस्ट है। इस पूरे मामले में शिकायत के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन से संबंधित मामले की जांच टीम गठित की गई थी। आपको बताते चलें कि रोजगार सहायक अवधेश प्रसाद गर्ग के द्वारा सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं में व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। मेड बंधान हो या फिर तालाब निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर विभिन्न योजनाओं में व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार किया गया।जिसकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा कई बार की जा चुकी है।
बता दें कि उक्त मामले में रोजगार सहायक निलंबित किया जा चुका है।
पोंडी तृतीय में रोजगार सहायक पर लगभग 50 लाख के भ्रष्टाचार का आरोप
सरकार के द्वारा बनाई गई जनहित योजनाओं को अंतिम पंक्ति पर बैठे व्यक्तियों को लाभ नहीं मिलता है। जिले की टीएल बैठक हो या फिर मुख्यमंत्री के द्वारा ली जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जानकारी संबंधित मामले में बैठकों का दौर चलता रहता है। परंतु इन सब के बीच में जनता की शिकायतों के बावजूद भी कार्रवाई का ना होना। इस बात की तरफ ही इंगित करता है कि संबंधित बैठकों को कोरम पूरा करने का कार्य किया जाता है। परंतु शासकीय योजनाओं का लाभ तो सिर्फ बिचौलियों को ही मिल पाता है। जनता पैसे देकर भी अपने काम को नहीं करा पाती है। फिर चाहे प्रधानमंत्री आवास लघु तालाबों या मेड बंधान पंचायतों के हिस्से में आने वाले यह कार्य कागजों में तो बखूबी तौर पर कर लिए जाते हैं परंतु इनकी जमीनी हकीकत तो वास्तविकता से काफी परे ही है। पंचायत के रोजगार सहायक अवधेश गर्ग के नाम की शिकायत पत्र को लेकर कलेक्ट्रेट कई बार पहुंचे ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि कागजों में उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया है। परंतु वह जमीनी हकीकत से परे है। ग्रामीणों ने बताया कि हितग्राही की जमीन पर कागजों में दिखाया गया है कि लघु तालाब का निर्माण करा दिया गया है। परंतु संबंधित हितग्राही के द्वारा ही शिकायत पत्र जिला कलेक्टर के नाम दिया गया है। जिसमें यह कहा गया कि रोजगार सहायक के द्वारा उन्हें किसी प्रकार की लघु तालाब की योजना नहीं दी गई। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास को लेकर भी इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई गई है। इस पूरे मामले में हितग्राहियों से बात करने के दौरान स्पष्ट हुआ कि कागजों में हितग्राहियों को भरपूर लाभ दिया गया है। जबकि वास्तविकता में उन हितग्राहियों को कोई लाभ मिला ही नहीं है।
रोजगार सहायक पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार सम्बन्धित मामलें अनियमितता का आरोप विगत 1 वर्ष के हैं। जबकि ग्रामीण बतातें हैं कि वर्ष 2010 से पंचायत में पदस्थापित रोजगार सहायक अवधेश गर्ग की विधिवत जाँच हो तो रिकवरी राशि अत्यधिक हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि संबंधित मामले को लेकर जनपद सीओ से लेकर जिला कलेक्टर सिंगरौली के पास तक ग्रामीणों ने कई चक्कर लगाए हैं एवं अपनी शिकायत लिखित रूप में देखकर रोजगार सहायक के ऊपर कार्रवाई की मांग की थी। ग्रामीण हाईकोर्ट की शरण में जा चुके हैं।
ग्रामीणों ने ली हाईकोर्ट की शरण
रोजगार सहायक की वित्तीय अनियमितता के मामले में उच्च न्यायालय में मामला पहुँच चुका है। पंचायत के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि अब वह संबंधित मामले को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता से लगातार संपर्क में हैं एवं उनके द्वारा की गई शिकायतों पर जिला प्रशासन के द्वारा कार्रवाई न करने से अब वह हताश हो चुके हैं एवं संबंधित मामले में न्याय पाने को लेकर ग्रामीण हाईकोर्ट के अधिवक्ता से अब कानूनी कार्रवाई की बात कर रहे थे। मामला उच्च न्यायालय में पहुंचने के बाद उच्च न्यायालय से कार्रवाई करने का आदेश जिम्मेदार अधिकारियों को दिया जा चुका है।
रोजगार सहायक गिरफ्तार
रोजगार सहायक अवधेश प्रसाद गर्ग की ऊपर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों की जांच को लेकर जिले की जिम्मेदार अधिकारी ने इसके लिए बकायदा टीम गठित कर दी थी एवं संबंधित मामले में अब जांच रिपोर्ट जांच टीम के द्वारा फरवरी माह में ही जमा कर दी गई थी। जाँच में 1773023 रुपए वसूलने के फरमान सुनाया जा चुका है। जिला पंचायत की ओर से म.प्र.पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्रवाई की गई है। वही रोजगार सहायक अवधेश गर्ग को जिला पंचायत सीईओ ने बर्खास्त करते हुये 18 लाख 72 हजार रूपये की रिकवरी का फरमान सुना दिया।
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