Singrauli News: झलरी की दो बेटियां अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से बनीं फायर फाइटर, सुलियरी खदान में तैनात; जानिए

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Singrauli News: काला सोना उगलने वाली सिंगरौली जिले की बेटियां पढ़ाई, खेलकूद, चिकित्सा, इंजीनियरिंग ही नहीं फायर फाइटिंग जैसे फील्ड में भी किसी से कम नहीं हैं और ये कारनामा कर दिखाई हैं ग्राम झालरी की दो होनहार बेटियां रेशमा सोनी और रवीता शाह ने। 

दरअसल, फायर फाइटर का कार्य बहुत ही हिम्मत और मजबूत इरादों वाला होता है। क्योंकि ये कार्य काफी जोखिम वाला होता है। ऐसे में कुछ नया कर दिखने की चाहत और हौसलों के दम पर सिंगरौली जिले की इन दोनों बेटियों को जब अदाणी फाउंडेशन द्वारा फायर फाइटर बनने का सुनहरा अवसर मिला तो इस अवसर का होनहार रेशमा सोनी और रवीता शाह ने बखूबी लाभ लिया और फायर फाइटर बनकर, क्षेत्र की अन्य बेटियों के लिए मिशाल भी बन गईं। अहम बात ये भी है जब महिलाएं किसी क्षेत्र में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करती हैं, तो यह समाज के हर हिस्से में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। दूसरी ओर इस पहल में इस बात का जीवंत उदाहरण पेश करते हुए, अदाणी फाउंडेशन ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को फायर फाइटिंग प्रशिक्षण देने के लिए एक अनोखी पहल की, यह भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।

Singrauli News: झलरी की दो बेटियां अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से बनीं फायर फाइटर, सुलियरी खदान में तैनात; जानिए

दरअसल, फायर फाइटर बनने वाली रेशमा सोनी और रवीता शाह सिंगरौली जिले में अदाणी फाउंडेशन ने परियोजना प्रभावित क्षेत्र- झलरी गांव की दो प्रतिभाशाली बेटियां हैं।

 

इन दोनों का चयन अदाणी फाउंडेशन ने उनके माता-पिता से अनुमति प्राप्त करने के बाद किया, उन्हें नागपुर स्थित भारतीय अग्निशमन संस्थान में छह महीने का फायर फाइटिंग प्रशिक्षण दिलवाई। नियुक्ति से सम्बन्धित प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उन्हें सुलियरी खदान के फायर ब्रिगेड में शामिल कर लिया गया है। इसके पीछे अदाणी फाउंडेशन का उद्देश्य ग्रामीण बालिकाओं को अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में दक्ष बनाने के साथ उन्हें आत्मनिर्भरत बनने का अवसर भी प्रदान करना है।

Singrauli News: झलरी की दो बेटियां अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से बनीं फायर फाइटर, सुलियरी खदान में तैनात; जानिए

 

अदाणी फाउंडेशन ने दिलवाई नागपुर से फायर फाइटर की ट्रेनिंग

6 महीने के इस फायर फाइटिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम को रेशमा और रवीता ने कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत पूरा कर लिया। लेकिन, इस प्रशिक्षण ने उन्हें न सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त किया, बल्कि उन्हें संकट के समय अपनी काबिलियत दिखाने के लिए तैयार भी किया। दीवाली की छुट्टियों के दौरान जब रेशमा और रवीता अपने घर लौटीं तो उन्हें अदाणी के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करने का मौका मिला। इस दौरान, दोनों ने अपने प्रशिक्षण के अनुभव और प्रगति को साझा किया। फायर फाइटिंग प्रशिक्षण के बाद, रेशमा और रवीता ने अपनी नियुक्ति के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ और आवेदन पत्र प्रस्तुत किए। सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद उन्हें सुलियरी खदान के फायर ब्रिगेड में शामिल कर लिया गया है।

 

अदाणी फाउंडेशन ने दोनों बेटियों का किया सम्मान

नागपुर से फायर फाइटर की सफल प्रशिक्षण लेने के उपरांत घर लौटी रेशमा और रवीता ने समाज के समक्ष एक मिशाल पेश की हैं। शनिवार को अदाणी फाउंडेशन द्वारा उनके सम्मान में आयोजित विशेष समारोह में स्थानीय विधायक डॉ राजेन्द्र मेश्राम, जनपद सदस्य अमिता पनिका, बजौड़ी की सरपंच दुलमंती सिंह, भलैया टोला के सरपंच गोविन्द वैश्य, जमगड़ी के सरपंच कृष्णदेव वैश्य, बजौड़ी के पूर्व सरपंच भगवान सिंह एवं काफी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया। अदाणी ग्रुप के तरफ से चीफ ऑफ क्लस्टर बच्चा प्रसाद, क्लस्टर एचआर हेड विकास सिंह, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गुनमीत सिंह एवं सीएसआर टीम की मौजूदगी रही। इस मौके पर मौजूद स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने रेशमा और रवीता की के साथ अदाणी फाउंडेशन द्वारा समाज में दी जा रही योगदान की सराहना की।

फायर फाइटिंग प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण बालिकाओं को किया गया सशक्त

गौरतलब है कि यह पहल अदाणी फाउंडेशन की सामाजिक जिम्मेदारी और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। अदाणी फाउंडेशन की इस पहल ने यह संदेश दिया कि ग्रामीण इलाकों में भी महिलाओं के लिए समान अवसर उपलब्ध हो सकते हैं, और वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को भी बढ़ावा देता है।

अदाणी फाउंडेशन को दे रहे धन्यवाद

रवीता के भाई अनिल कुमार साह ने अदाणी फाउंडेशन को धन्यवाद देते हुए कहा कि, यह हमारे परिवार और समाज के लिए काफी खुशी का क्षण है।” रेशमा और रवीता की सफलता की कहानी सिर्फ उनके व्यक्तिगत संघर्ष और सफलता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उन लाखों ग्रामीण लड़कियों के लिए एक प्रेरणा भी है, जो समाज में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि अदाणी फाउंडेशन के इस कदम ने समाज में महिलाओं के योगदान को पहचानने और बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

 

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