MahaKumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ 2025 मेला में संगम के तट पर मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात अचानक भगदड़ मच गई। ये भगदड़ आधी रात करीब डेढ़ बजे मची।
इस हादसे में पहले 10 श्रद्धालु के मृत होने की खबर सामने आ रही थी जिसमें अब मृतकों की संख्या बढ़कर 14 से अधिक पहुंचने की खबर है। वहीं, भगदड़ में 50 से ज्यादा श्रद्धालुओ के घायल होने की भी सूचना है। दूसरी ओर प्रशासन की तरफ से फिलहाल इस भगदड़ में हुई मौत या घायलों आदि के संबंध में अब तक कोई संख्या आदि की जानकारी जारी नहीं की गई है।
महाकुंभ में ऐसे मची भगदड़ और फिर बिगड़े हालात
सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाकुंभ में अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। जिसकी वजह से संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई और बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई।संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए। इस हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
दरअसल, बुधवार को महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते एक दो दिन पहले से ही महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भरी भीड़ उमड़ने लगी थी। करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज शहर में मौजूद होने का भी अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने ये भी कहा है कि श्रद्धालुजन संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। क्योंकि गंगा हर जगह पवित्र है, इसलिए जो जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।