शुक्रवार को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा की टीम ने जब सिंगरौली के जिला मुख्यालय स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में छापेमारी की, तो वहां हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि छापेमारी दौरान EOW की 8 सदस्यीय जांच टीम ने खरीदी से जुड़े दस्तावेज को अपने कब्जे में लिया है। वहीं, छापेमारी के दौरान महिला बाल विकास अधिकारी राजेश राम गुप्ता कार्यालय में मौजूद नहीं मिले।
ये जानकारी सामने आ रही है पिछले दिनों मीडिया में सिंगरौली जिले में 810 रुपए में चम्मच खरीदी की खबरे सामने आने के बाद EOWरीवा ने स्वत: इस मामले में संज्ञान में लेकर 29 जनवरी को मामला दर्ज किया है।
वहीं, EOW इंस्पेक्टर मोहित श्रीवास्तव द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी में बताया गया है कि विभाग ने जिले की 1500 आंगनबड़ी केंद्रों के लिए 4 करोड़ 98 लाख 88 हजार 300 रुपए में बर्तन खरीदे थे। जैम पोर्टल से हुई इस खरीदी में 3100 जग, 629 सर्विस स्पून और 40 हजार 500 चम्मच शामिल हैं। जिनमें एक साधारण चम्मच की कीमत 810 रुपए, एक सर्विस स्पून की कीमत 1,348 रुपए और एक जग की कीमत 1,247 रुपए आंकी गई, जो बाजार मूल्य से कई गुना अधिक है।
बर्तन खरीदी में शामिल ये टॉप-3
ये जानकारी सामने आ रही है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में बर्तनों की सप्लाई के लिए छत्तीसगढ़ की जय माता दी कॉरपोरेशन ने न्यूनतम दर चार करोड़ 98 लाख 88 हजार 300 रेट डाली, दूसरे नंबर पर रही कंपनी में मेसर्स सत्येंद्र कुमार ने चार करोड़ 99 लाख 56 हजार 500, तीसरे नंबर पर रही फर्म सुनील कुमार त्रिपाठी ने 4 करोड़ 99 लाख 75 हजार 100 और चौथे नंबर पर अनमोल ट्रेडर्स ने 5 करोड़ 30 लाख 900 रेट कोड किए थे।
ऐसे हुई टेंडर में मनमानी
टेंडर सिर्फ जग और दो प्रकार की चम्मच के लिए किया, जबकि टेंडर में 7 आइटम हैं। और में टेंडर में दिखाई गए 3 आइटम को बाजार मूल्य से 10 गुना रेट पर खरीदे गए। जेम पोर्टल में खरीदी में सैंपल नहीं ले सकते, फिर भी दो दिन पहले सैंपल बुलाने की शर्त जोड़ी गई।