Mauganj News: मऊगंज के बवाल के बाद अब इस मामले में एक बड़ी बहस छिड़ गई है, ये बहस है क्या इस मामले के मुख्य आरोपियों के यहां सरकारी बुलडोजर चलेगा क्या?
ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ सालों से भाजपा सरकार में इस मामले की भांति कोई भी घटनाक्रम हुआ तो आरोपियों के यहां सरकारी बुलडोजर गरजा। ये क्रम पिछले कुछ सालों से प्रदेश में लगातार जारी रहा, ऐसे में अब जब मऊगंज में आदिवासी परिवार ने पहले एक युवक को बांधकर बनाकर बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतर दिया। फिर इसके बाद भी उनकी मनमानी नहीं थमी और पुलिस समेत पूरे सरकारी आमले पर ही हमला दिए, जिसमें एक ASI की दुखद मौत हो गई और कई अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए। तो ऐसे में इस पूरे बवाल को अंजाम देने वालों के खिलाफ सरकारी बुलडोजर की कार्यवाही भी होनी चाहिए ऐसे चर्चाएं जोर पकड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार या अन्य सरकारी आमले की ओर से मऊगंज के इस मामले में आरोपियों के घरों पर सरकारी बुलडोजर चलाए जाने के संबंध अब तक कोई पहल नहीं की गई, जिससे लोग अब सोशल मीडिया पर ये सवाल करने लगे हैं।
दअरसल, राजनीति के जानकारों का कहना है कि चूंकि मऊगंज के इस मामले में आरोपी आदिवासी परिवार है तो शायद भाजपा सरकार इसी लिए सरकारी बुलडोजर कार्यवाही करने में हिचक रही है क्योंकि आदिवासी समाज से भाजपा का बड़ा वोट बैंक आता है और यहां इस दिशा में उठाया गया कदम आदिवासी वोट बैंक के समीकरण पर काफी गहरा दुष्प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में ये देखने लायक होगा कि सरकार क्या फैसला लेती है?