Coal India News: मेडिकल अनफिट पर कोयला मंत्री का जवाब आया सवालों के घेरे में; जानिए 

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Coal India News: कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट को लेकर कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने सांसद संजय सिंह के सवाल पर जो जवाब दिया है उसे लेकर वह स्वयं ही कटघरे में आते जा रहे हैं और इसे लेकर तरह तरह की सुर्खियां भी सामने आने लगी हैं।

 

 

दरअसल, राज्य सभा में 19 फरवरी को शून्य काल के दौरान सांसद संजय सिंह ने कोयला मंत्री से कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट को लेकर सवाल किया था। इस सवाल का कोयला मंत्री ने जवाब दिया कि उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड के साथ इस मुद्दे की विस्तार से जांच की है। उन्होंने कहा है कि NCWA के खंड 9.4.0 के कार्यान्वयन के मामले पर 27.06.2024 को CIL की शीर्ष संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें CIL/सहायक कंपनियों के प्रबंधन और कोयला उ‌द्योग में कार्यरत केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस दौरान विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए, सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्थायी रूप से विकलांग कर्मचारी के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के लिए एनसीडब्ल्यूए (NCWA) के खंड 9.4.0 को पुनः लागू करना संभव नहीं है। हालांकि, “सीआईएल और एससीसीएल के लिए 10वें वेतन समझौते से जारी वेतन समझौते के खंड 6.5.2 के तहत, निर्दिष्ट बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों को उनके वेतन का 50% तब तक दिया जाता रहेगा जब तक कि उन्हें चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित नहीं कर दिया जाता।

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वहीं, सांसद संजय सिंह को कोयला मंत्री के द्वारा दिए गए जवाब में जिस प्रकार से कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट (9.4.0) बंद करने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियो के सहमति होने की बात कही है उससे अधिकांशतः ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि अब कोयला मंत्री के जवाब पर आपत्ति जताने लगे हैं। जिससे कोयला मंत्री द्वारा सांसद संजय सिंह को दिए गए जवाब पर सवाल उठाने लगे हैं।

 

ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों का तो इसे लेकर ये तक कहना है कि कोयला मंत्री का ये जवाब गुमराह करने वाला है । जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय ट्रेड यूनियन सीटू के डीडी रामानंदन, HMS के नाथूलाल पांडे ने तो बाकायदा ये तक कह दिया कि जिस बैठक में 9.4.0 (मेडिकल अनफिट) को पुनः लागू नहीं करने पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियो की जिस सहमति का कोयला मंत्री बोल रहे हैं उसमें तो उन लोगों ने कोई सहमति ही नहीं दी थी और वह सभी 9.4.0 को बंद करने के विरोध में थे इसलिए इस पर हस्ताक्षर भी नहीं किए थे। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या कोयला मंत्री उक्त बैठक के निर्णयों के सम्बन्ध में गलत बोल रहे हैं?

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