Singrauli News : हालही में हुए चुनावों दौरान सिंगरौली जिले में भाजपा को जिस प्रकार से कई स्थानों में हाई बोल्टेज करेंट के झटके महसूस हुई थे, उसका असर जिले से लेकर प्रदेश तक रहा। तभी तो ऐसे झटकों की पुनरावृत्ति आगामी चुनावों में न होने पाए इस लिहाज से भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने सिंगरौली जिले में बड़ा उलटफेर किया है। यह उलटफेर जिले में भाजपा की कमान बदलकर नए हाथों में सौंपी गई है और रामसुमिरन गुप्ता को भाजपा सिंगरौली का नया जिला अध्यक्ष पार्टी ने बनाया है। शुक्रवार, 16 नवम्बर को पार्टी के प्रदेश महा मंत्री भगवानदास सबनानी ने सिंगरौली समेत झाबुआ, अलीराजपुर और शाजापुर के नए जिला अध्यक्षो के नामों की आधिकारिक लिस्ट जारी की। जिसमे रामसुमिरन गुप्तबक भी नाम शामिल था।
सियासी गलियारे में मची हलचल
श्री गुप्ता वैसे तो इससे पहले भी भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन इस बार उन्हें जब पार्टी नेतृत्व ने ये अहम जिम्मेदारी सौंपी तो सिंगरौली जिले के बड़े-बड़े सियासी ज्योतिषियों के पूर्वानुमानों वाले समीकरण धरे के धरे रह गए। क्योंकि जिलाध्यक्ष की दौड़ में कई ऐसे-ऐसे नाम शामिल थे, जो लंबे समय से इस मौके का इंतज़ार कर रहे थे और इनमें से कइयों ने अपने-अपने स्तर से सिफारिश व अन्य प्रकार के दांवपेंच समेत पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन रेस में जिस नाम की उम्मीद सियासी ज्योतिषियों को ना के बराबर थी उस नाम के सामने आते ही शुक्रवार की रात से ही सियासी गलियारे में जोरो की हलचल मची हुई है।
राम और राजा की रेस अब भी जारी
सियासी गलियारे के जानकारों की माने तो इस बदलाव का कारण जिला भाजपा में राजा और राम के बीच लंबे समय से चली आ रही अदृश्य रेस एक बड़ी वजह है। क्योंकि विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवारों से ज्यादा भाजपा के इन नामचीन जनों में आगामी चुनाव में खुद की दावेदारी को मजबूत बनाने की होड़ मची हुई है।
भाजपा की अंदरूनी सियासत ऐसा भी
सिंगरौली भाजपा की अंदरूनी सियासत से जुड़े एक सूत्र का तो यह भी कहना है कि नगर निगम चुनाव में महापौर प्रत्यासी चुनने के मामले में राम ने राजा के पाले बॉल डाल दी थी और रिजल्ट उम्मीद अनुरूप न होने का फायदा राम को मिला। इस फायदे को भुनाते हुए राम ने अपने मनमुताबिक चेहरा जिला भाजपा के लिए चुना। जाहिर है इसके लिए आगामी चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत दिलाने का आश्वासन भी हो सकता है, लेकिन राजा खेमे के सूत्र कहते हैं कि पिछले जिलाध्यक्ष ने राम के साथ किया वैसा फिर से हुआ तो फिर राम का क्या होगा?