Singrauli News : सिंगरौली जिले की सुलियारी बेलवार कोल माइंस के विस्थापित 9 गांव के लोग विस्थापन से जुड़ी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इन 9 गांव के लोग पिछले करीब 15-16 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन कंपनी व प्रशासन की ओर से इनकी मांगो की सुनवाई की कोई कारगर स्थिति नहीं बन पाई है। जिससे प्रदर्शनकारियों में आक्रोश व्याप्त है और कंपनी का डिस्पैच बंद कर हड़ताल पर अड़े हैं। वहीं, विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि एपीएमडीसी और अदाणी कंपनी विस्थापितों का शोषण कर रही है बिना विस्थापन और बिना मुआवजा दिए ही खदान चालू कर अपना काम कर रही हैं।विस्थापितों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नही किया जाता है तब तक खदान आदि कार्य सुचारू होने देंगे।
ये हैं मांगें
विस्थापितो की मांग हैं कि सभी विस्थापित परिवार को APMDC कंपनी में एप्लाई की तरह स्थाई नौकरी दी जाए। शत प्रतिशत विस्थापितों का मुआवजा भुगतान किया जाए, S9 मुआवजा अवार्ड में शामिल कर भुगतान आज दिनांक तक का ब्याज जोड़ कर दिया जाए। R&R कॉलोनी में स्कूल, हॉस्पिटल, बिजली, पानी, प्लेग्राउंड, मैरिज हॉल एवं सर्व सुविधा उपलब्ध होने के बाद ही विस्थापन किया जाए।
साथ ही यह विस्थापितों का कहना है कि सुलियरी कोल माइंस के प्रभावित ग्रामीणों में से लगभग 30% परिवार विस्थापित कार्ड से वंचित हैं इसलिए इन्हें विस्थापित सूची में जोड़ा जाए। सभी विस्थापितों का पिछले 10 महीने का एरियर भत्ता एवं पेंशन दिया जाए। सभी विस्थापितों का आज की कृषि मजदूरी दर से बेरोजगारी भत्ता 7000 से बढ़ाकर 10300 किया जाए।
गाँव की रोड से कोल ट्रांसपोर्ट हो बंद
ग्राम डोंगरी से खनुआ रोड सिंगल होने से दुर्घटना होती रहती है कंपनी के द्वारा जब तक स्वयं की रोड या कन्वेयर निर्माण नहीं कराया जाता है तब तक गाँव के रोड में कोल परिवहन बंद किया जाए।
कलस्टर हेड बच्चा प्रसाद को हटाने की मांग
कंपनी के कलस्टर हेड बच्चा प्रसाद पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा है कि बच्चा प्रसाद के कारण सुलियरी कोल माइंस के मुआवजा वितरण रुका है। इसलिए ग्रामीणों ने कलस्टर हेड को हटाने की भी मांग ग्रामीण की है।