महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता नाना पटोले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि पहलगाम में हमारी 26 बहनों का सिंदूर मिटा दिया गया लेकिन आज तक आतंकी पकड़े नहीं गए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि व्यापार के लिए ऑपरेशन सिंदूर रोका गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार कहा कि उन्होंने दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) को धमकी दी है कि वे (अमेरिका) उनके साथ व्यापार बंद कर देंगे, इसलिए उन्हें युद्ध विराम कर देना चाहिए। उनके इशारे पर ऑपरेशन सिंदूर रोका गया।
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि इसका मतलब है कि यह बिल्कुल वैसा ही खेल था जैसा कि बच्चों द्वारा कंप्यूटर गेम खेला जाता है। हमारी बहनों के सिंदूर को मिटाने वाले आतंकवादियों के बारे में प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं बोला? यह देश के लोगों के लिए एक सवाल है। उन्होंने दावा किया कि ममता दीदी ने जो कहा, वह देश के लोगों के लिए चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री बार-बार विदेश जाते हैं और देश के करदाताओं की गाढ़ी कमाई को खर्च करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के समय एक भी देश भारत के साथ क्यों नहीं खड़ा हुआ? लोग इस पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुलवामा की घटना के बारे में हमें अभी भी नहीं पता, जबकि यह 2019 में हुई थी…मोदी जी दिनभर झूठ बोलते रहते हैं, लेकिन अब देश के सामने ये झूठ नहीं चलेगा। वहीं, कांग्रेस ने बुधवार को पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश भेजे गए सात संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात करने के बाद अब पहलगाम घटना के बाद देश की सुरक्षा और विदेश नीति चुनौतियों पर संसद के मानसून सत्र में पूर्ण बहस कराने पर सहमत होंगे। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि यह स्वाभाविक था कि प्रधानमंत्री उन सभी 50 सांसदों से मिलें जो 32 देशों में गए इन सात प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य थे। जहां तक हमारा सवाल है, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। लेकिन हमारे पास केवल चार सरल प्रश्न हैं। हम चाहेंगे कि प्रधानमंत्री इन सवालों का जवाब दें। सवाल नंबर एक – प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कब करेंगे और नेताओं से कब मिलेंगे?
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चुनौतियां सामने आई हैं, उन पर सांसदों से नहीं बल्कि नेताओं से बात करके उन्हें विश्वास में लेना चाहिए। दूसरा, हमारा सवाल यह है कि कारगिल युद्ध के बाद, हमारे पास एक कारगिल समीक्षा समिति थी… क्या सिंगापुर में सीडीएस के खुलासे के बाद भी ऐसी ही कोई कवायद होगी? क्या कोई समीक्षा होगी? क्या कोई विश्लेषण होगा? … तो क्या कोई रिपोर्ट होगी? क्या इसे संसद में पेश किया जाएगा?