अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश हो गई थी। इस फ्लाइट में 230 यात्रियों के अलावा कुल 242 लोग थे, जिसमें दो पायलट और 10 क्रू मेंबर्स थे। इस हादसे में फ्लाइट में सवार 241 लोगों की मौत हो गई है और सिर्फ एक ही व्यक्ति जीवित बचा है। इसका जीवित बचना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है। हादसे में जान गंवाने वालों का आंकड़ा 265 तक पहुंच गया है।
बता दें कि टाटा ग्रुप के अध्यक्ष टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने हादसे के बाद मृतकों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद ये असमंजस बना हुआ था कि क्या राशि सिर्फ उन लोगों को मिलेगी जो विमान में सवार थे और हादसे का शिकार हो गए। या इस राशि का भुगतान उन लोगों के परिजनों को भी होगा जो विमान में सवार नहीं थे मगर हादसे में उनकी जान गई है।
इस मामले को लेकर अब तस्वीर साफ हुई है। एयर इंडिया के स्वामित्व वाले टाटा ग्रुप ने इस मामले पर कहा कि इस हादसे में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिजन को एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। यानी ये राशि उन मृतकों के परिजनों को भी मिलेगी जो फ्लाइट में सवार नहीं थे मगर हादसे में उनकी मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस हादसे में जान गंवाने वालों में पांच एमबीबीएस के छात्र, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी शामिल है।
बता दें कि टाटा समूह ने ये स्पष्ट किया कि हादसे में जो लोग घायल हुए हैं उनका इलाज का खर्च बी कंपनी उठाएगी। ये भी सुनिश्चित किया जाएगा की उन्हें पूरा सहयोग मिले। कंपनी ने ऐलान किया कि बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल बिल्डिंग जो हादसे में क्षतिग्रस्त हुई है उसके पुनर्निर्माण में भी मदद की जाएगी।
बता दें कि गुरुवार को अहमदाबाद के सरदार पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान लंदन के लिए उड़ा था। टेकऑफ करने के कुछ ही पलों में विमान हादसे का शिकार हो गया। एयर इंडिया की ये फ्लाइट उड़ान भरने के चंद मिनटों में ही मेघानीनगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की बिल्डिंग पर गिर गई। गिरते ही विमान आग के गोले में तब्दील हो गया। ये हादसा उस समय हुआ जब हॉस्टल की बिल्डिंग में डॉक्टर मेस में लंच कर रहे थे।