सपना पूरा करने के लिए कृतज्ञ हूं
मायके में बेटियों को खिलखिलाने के मौके मिलते हैं, लेकिन ससुराल में उन्हें जिमेदारियों के चलते सपने पूरे करने की आजादी कम होती है। लेकिन बाबूजी आपने मेरे हर सपने को पूरा किया। ससुर होने के बाद भी पिता(Father’s Day Special) जी के देहांत के बाद मुझे गायकी के लिए मंच प्रदान करवाने में जो आपका योगदान रहा, उसके कारण ही आज बड़े मंचों पर प्रस्तुति देने के लायक बन सकी हूं।- आपकी बेटी अर्चना(जबलपुर)
कैसे भुला दूँ ….?

कैसे भुला दूँ ….?
पापा का, जहां आज मैं हूं, मुझे वहां तक पहुंचाना!
खुद को मिटा कर भी, मुझे अमिट बनाना!!
कर्ज लेकर स्कूल-कॉलेज की मेरी फीस चुकाना,
मेरी नाजुक अंगुली पकड़कर चलना सिखाना,
अपने मजबूत कंधों पर बिठाकर दुनिया दिखाना,
अपने अनुभवों की छांव में मुझे सुलाना,
बुलंद हौसलों से मेरी मजबूत नींव बनाना!
खुद का घिसी चप्पल, छेद वाली बनियान पहनना,
मुझे हर बार नए जूते, नए कपड़े दिलाना!
किफ़ायत में घर भर की लाइटे बुझाना,
लेकिन बगैर सोचे मुझे अपना एटीएम थमाना,
मुमकिन नहीं चंद लफ्जों में,उनकी फ़ेहरस्ती लिख पाना,
जहां आज मैं हूं वहां पहुँच, बिल्कुल नामुमकिन है…..
पापा के त्याग और बलिदान को भुला पाना!! – सब इंस्पेक्टर पंकज सूर्यवंशी(भोपाल)
पापा जीवन में बस आप जैसा बनना है
आप हमारी प्रेरणा हैं। हम जब कभी निराश हुए, आपके बेहद संजीदा होकर हमसे परेशानी का कारण पूछा और चुटकियों में निराशा को आशा में बदल दिया। आपके टीचर की तरह पढ़ाया भी और कप्यूटर का काम भी आसान बनाया। आपने संघर्षमयी जीवन से जो सफलता पाई, वह हम बेटियां अपने जीवन में आत्मसात करेंगी।– आपकी बेटियां अदिति और आशिता(जबलपुर)
आपके सिद्धांत को मैंने अपनाया है
पापा मैंने बचपन से आपको हमेशा परिवार के लिए मेहनत करते देखा है। इसलिए यह समझता हूं कि पिता का कोई खास दिन नहीं होता, जबकि पिता के साये में हर दिन होता है। पिता की प्रेरणा से ही 21 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। पापा आपने संघर्ष वाले दिनों में कभी हार नहीं मानी, ना ही परिवार को किसी चीज की कमी होने दी। मैंने पर्यावरण से जुड़ाव आपसे ही सीखा है। – आपका बेटा, डॉ. अर्जुन(जबलपुर)
आपसे जो सीखा आप जैसे ही बन जाएं
पापा आप सिर्फ हमारे गार्जियन नहीं, बल्कि आप हमारे जीवन को संवारने वाले हो। आपने जीवन में सफल बनने के लिए हमेशा सही दिशा दी। आपने जीवन जीने का नजरिया सीखा कर यह बताया कि यदि आप सक्षम हैं तो दुनिया आपसे समक्ष होगी। इसी बात को ध्यान में रखकर हम दोनों भाई भी आप की तरह बिजनेस संभाल पा रहे हैं। आपके बेटे होने पर गर्व है। – आपके बेटे पीयूष मिहिर(जबलपुर)
पापा नहीं आप हमारे दोस्त हो
ऐसे कम पापा होते हैं, जो बच्चों से दोस्ती निभाते हैं। आपने हम दोनों पर हमेशा भरोसा दिखाया है और कुछ करने के लिए प्रेरित किया। आपका हर काम के लिए वह भरोसे से कहना कि तू करेगा क्या? आत्मविश्वास बढ़ा देता है। हमारे विचारों का समान करना, मां की डांट से बचाना और परेशान होने पर खुश रहने के तरीके खोजना पापा सिर्फ आपने सिखाया है। – आपके बेटे आर्यन और आदी(जबलपुर)