पुरातत्व संचालनालय को मिल को रही शिकायतें
पुरातत्व संचालनालय को विभिन्न जिलों से स्मारकों पर अतिक्रमण की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। ऐसा ही एक मामला टीकमगढ़ जिले में सामने आया था, जहां आस्तीन की गढ़ी के पहुंच मार्ग पर लोगों ने दीवार बना दी थी, जिससे स्मारक का अनुरक्षण और विकास कार्य रुक गया था। संचालनालय ने तुरंत टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रीतिय को इसकी जानकारी दी, जिन्होंने तत्काल अतिक्रमण हटवा दिया। इस घटना का उदाहरण देते हुए सचिव संस्कृति आयुक्त उमिला शुक्ला ने सतना कलेक्टर को पत्र लिखा है। (monuments under encroachment)
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सीएम पत्र लिखाकर जताई चिंता
पत्र में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विरासत स्थलों के संरक्षण के प्रति अत्यंत संवेदनशील हैं। उन्होंने जोर दिया कि पुरातत्व संचालनालय के तहत आने वाले स्मारक हमारी समृद्ध विरासत की धड़कन हैं और उनकी सुरक्षा हमारा संवैधानिक दायित्व है। सचिव शुक्ला ने सतना के पुरातात्विक स्मारकों की सूची के साथ बताया कि इनमें से कई स्मारकों पर स्थानीय स्तर पर अतिक्रमण हो चुका है। लिहाजा, उन्होंने कलेक्टर को सभी स्मारकों का सर्वे कराकर टीकमगढ़ कलेक्टर की तर्ज पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।(monuments under encroachment)
इन 17 स्मारकों पर हो रहा अतिक्रमण
सचिव संस्कृति आयुक्त उमिला शुक्ला ने जिले में स्थित 17 राज्य संरक्षित पुरातात्विक स्मारकों की एक विस्तृत सूची कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस को भेजी है। इसमें उचेहरा तहसील के पतियानदाई मंदिर बांधी मौहार, प्राचीन टीला अटरिया खोह, मैहर तहसील के गोला मठ (प्राचीन शिव मंदिर) मैहर, शिव मंदिर मड़ई, नागौद तहसील स्थित कुंवर मठ जसो, जालपा देवी मंदिर जसो, प्राचीन मूर्ति अवशेष उमरिहा, मंदिर समूह (प्राचीन विष्णु मंदिर) देवगुना, अमरपाटन तहसील स्थित गढ़ी अमरपाटन, देवी मंदिर बछरा, रामपुर बाघेलान तहसील स्थित प्राचीन गढ़ी खरवाही, रघुराजनगर तहसील स्थित शिवमंदिर पाथर कछार, मझगवां तहसील स्थित यज्ञवेदी स्थल सरभंगा, शैलोत्कीर्ण गणेश प्रतिमा व ब्रह्मकुण्ड के समीप के मंदिर व छतरी सरभंगा, महावीर पहाड़ी का हनुमान मंदिर सरभंगा, वृद्धाश्रम के पीछे का शिव मंदिर सरभंगा और शैलोत्कीर्ण चामुण्डा सांवर पहाड़ी सरभंगा शामिल है।