ललित मोहन बेलवाल सन 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे। तब भी इकबाल सिंह बैंस ने जून 2020 में उन्हें संविदा आधार पर पुनः आजीविका मिशन का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बना दिया। एक वर्ष के लिए की गई इस नियुक्ति के फौरन बाद बेलवाल ने पोषण आहार बनाने का काम एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन से लेकर आजीविका मिशन को दे दिया।
शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक पारस सकलेचा का आरोप है कि इकबाल सिंह बैंस और उनके चहेते बेलवाल ने षड्यंत्रपूर्वक पोषण आहार बनाने वाली सातों फैक्ट्री का कार्य आजीविका मिशन को दिया। दिसंबर 2018 में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार बनने पर घोटाले को देखते हुए यह काम पुनः एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन को दे दिया गया था।
हालांकि 23 मार्च 2020 को पुनः बीजेपी की सरकार बन गई। तब शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने दूसरे ही दिन इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया था।
ऑडिट रिपोर्ट में हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा
सन 2018 से सन 2021 तक पोषण आहार में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया। वितरण, परिवहन और गुणवत्ता में बड़ी
गड़बड़ी की गई। ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि हुई। ऑडिटर जनरल ने सन 2018-19 से लेकर सन 2021-22 तक 481.79 करोड़ का घोटाला पाया। 4 साल की अवधि में महज 8 जिलों की जांच में यह गड़बड़ी पाई गई थी। मार्च 2025 में विधानसभा के पटल पर यह प्रतिवेदन रखा गया।