पीएचक्यू तक पहुंचा मामला, असफरों ने किया तलब
बहरहाल, पीएचक्यू में फिर यह भी कहा कि गया कि जिले के मुखिया जब खुद चाहते हैं तो बहाने बनाकर नव आरक्षक को ट्रेनिंग पर जाने से रोक लेते हैं, लेकिन महिलाओं का दर्द आखिर क्यों स्थानीय एसपी या अन्य पुलिस अफसर नहीं समझ सके। जानकारी तो है कि इसके बाद पीएचक्यू से अफसरों ने जवाब तलब भी किया।
(SP sent pregnant female constables for training)
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छुट्टी मांगी लेकिन, दी नहीं गई
सूत्रों से जानकारी मिली है कि इन नव आरक्षकों ने सतना जिले में कुछ समय पहले आमद दी थी। वहां से इन्हें ट्रेनिंग के लिए रवाना किया गया। पहले इन गर्भवती महिलाओं ने अपनी शारीरिक स्थिति और मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी दी थी। उन्होंने अवकाश की भी मांग की थी, लेकिन अफसरों ने अवकाश देने से ही इनकार कर दिया और कहा कि जब डिलीवरी हो जाएगी तब चाइल्ड केयर लीव मिलेगी। उससे पहले छुट्टी नहीं दी जा सकती है।
ऐसी स्थिति में ही उन्हें इंदौर रवाना कर दिया। चूंकि नव आरक्षकों को अपने नियमों की जानकारी नहीं थी, इसलिए वह इसका विरोध भी नहीं कर सकीं और पुलिस के बड़े अधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए और 6 माह की गर्भवती महिलाओं ने ऐसी स्थिति में ही करीब 700 किमी का सफर भी किया। (SP sent pregnant female constables for training)
शुक्रवार को पहुंचीं, शनिवार को फिर वापसी
दरअसल, सतना पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने 6 और माह की दो गर्भवती महिला नवआरक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजने का फरमान जारी कर दिया एसपी के आदेश पर दोनों ही महिला नव आरक्षक शुक्रवार दोपहर इंदौर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज भी पहुंच गई, लेकिन 8 माह और 6 माह की गर्भवती महिला आरक्षक की स्थिति देखकर पीटीसी के अफसर हैरान रह गए कि आखिर इन्हें कैसे ट्रेनिंग में शामिल किया जा सकता है? क्योंकि आठ माह की गर्भवती महिला की स्थिति शारीरिक रूप से बेहद नाजुक थी। (SP sent pregnant female constables for training)
मेडिकल के बाद भेजा गया वापस
पीटीसी अफसरों ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अफसरों के माध्यम से मुख्यालय तक पहुंचाई और उनका मेडिकल परीक्षण करवाया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि इन्हें ट्रेनिंग में शामिल नहीं कर सकते। इसके बाद इन महिला नव आरक्षकों को सतना जिले जाने के लिए रिलीव कर दिया। शनिवार को वह अपने परिजनों के संग सतना रवाना हुई।
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900 से अधिक नव आरक्षकों की ट्रेनिंग
नया ट्रेनिंग बैच शुरू हो रहा है, इसलिए अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेजा जा रहा है। इसमें सतना जिले की नव आरक्षकों को इंदौर पीटीएस प्रशिक्षण के लिए भेजा जाना तय हुआ था। यहां के पुलिस अधीक्षक ने सभी महिलाओं को इंदौर ट्रेनिंग पर भेजने के आदेश दिए। पुलिस आरक्षकों का यह 73वां बैच है। इसमें 900से अधिक नव आरक्षक शामिल होंगे। (SP sent pregnant female constables for training)
नियम नहीं, मानवीय दृष्टिकोण जरूरी
विशेष मामलों में अफसर किसी को भी ट्रेनिंग में जाने से रोक लेते हैं। अगले ट्रेनिंग सेशन में भी इन्हें भेजा जा सकता है। गर्भवतियों के लिए ऐसा खास नियम नहीं है, लेकिन मानवीय आधार पर दोनों महिला आरक्षकों को रोका जा सकता है। अब पीएचक्यू मंथन कर रहा है कि ऐसे नियम जारी किया जाए, जिससे महिला आरक्षकों को राहत मिले। (SP sent pregnant female constables for training)
पीटीसी की सूचना पर मुख्यालय का दखल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार को पीटीसी इंदौर के जरिये मामला पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा, तो यहां भी खलबली मच गई और सभी ने स्पष्ट रूप से यही कहा कि इन नव आरक्षकों का ट्रेनिंग में शामिल नहीं होना ही बेहतर है। इन्हें जिले में वापस भेजा जाए। उनके मेडिकल परीक्षण के आधार पर उन्हें अवकाश पर भेजा जा सकता है। इसके बाद शनिवार को इनकी सतना वापसी हो गई। बताया गया है कि इस मामले में वरिष्ठ स्तर पर संज्ञान लिया जा सकता है। (SP sent pregnant female constables for training)