सुरेंद्र सिंह तोमर/जबलपुर: Naag-Nagin Viral Video वैसे तो लोक कथाओं में नाग नागिन की प्रेम कहानियों बहुत ही प्रचलित है। जो भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। ये कथाएं न केवल प्रेम, बल्कि विश्वास, बलिदान, और शक्ति के प्रतीक के रूप में भी देखी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि नाग और नागिन का रिश्ता एक विशेष रूप से रहस्यमय और पवित्र होता है। भारतीय समाज में नाग और नागिन की कहानियां इस कदर प्रचलित हैं कि इनसे जुड़ी घटनाएं बरबस ही लोगों का ध्यान खींच लेती हैं।
Naag-Nagin Viral Video ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश में देखने को मिला है। जहां नाग की मौत हो गई। कॉलोनीवासियों ने इसे सामान्य मौत समझ कर सड़क के किनारे कर दिया। लेकिन कुछ ही देर बाद वहां नागिन पहुंच गई और 24 घंटे उसके पास बैठी रही। अंत में नागिन ने भी दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, मामला जबलपुर का है। जहां ट्रक से कुचलकर एक नाग की मौत हो गई। जिसके बाद कॉलोनी के लोगों ने मृत नाग को सड़क के किनारे कर दिया। जिसके कुछ देर बाद ढुंडते हुए वहां नागिन पहुंच गई और वो वहां 24 घंटे तक बैठी रही, लेकिन अंत में नागिन ने भी दम तोड़ दिया। जब ये नाजारा लोगों ने देखा तो गमगीन हो गए। क्योंकि ट्रक से कुचल कर तो सिर्फ नाग की मौत हुई थी। नागिन तो सलामत बैठी थी। उसके बाद कॉलोनी के लोगों ने बताया कि नागिन 24 घंटे से यहीं पर गमगीन माहौल में बैठी थी और उसने भी नाग की याद में दम तोड़ दिया।
इसके बाद ग्रामीणों ने मृत नाग-नागिन के जोड़े का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों ने तय किया है कि वह नाग-नागिन की स्मृति में एक चबूतरा भी बनवाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि अज्ञात वाहन से कुचलकर नाग की मौत के बाद नागिन की मौत हो गई। हमने सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया। नाग-नागिन को सनातन धर्म में पूज्यनीय माना जाता है। इसलिए नाग-नागिन के जोड़े की स्मृति के रूप में हम चबूतरा का निर्माण कराएंगे
नाग नागिन की प्रेम कहानी का यह मामला कहां का है?
यह मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले का मामला है, जहां नाग की मौत के बाद नागिन भी गम में मर गई।
नागिन ने नाग की मौत के बाद क्या किया?
नागिन ने लगातार 24 घंटे तक नाग के शव के पास बैठकर शोक मनाया और बाद में वहीं पर अपने प्राण त्याग दिए।
नाग नागिन की प्रेम कहानी से जुड़ी घटनाएं कितनी सच होती हैं?
ऐसी घटनाएं अक्सर भावनात्मक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखी जाती हैं। वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि कठिन होती है, लेकिन भारतीय संस्कृति और लोक विश्वास में इनका गहरा महत्व है।