Singrauli News: रेल सुविधा के लिए तरसते सिंगरौलीवासियों का दर्द काफी पुराना है। खासकर कोविड काल से तो ये दर्द इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग इसके लिए सीधे जनप्रतिनिधियों और रेलवे को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
इन हालात में अगर कोई ये कहे कि सिंगरौली से इंदौर और मुंबई के लिए नई ट्रेन चलाने की मांग की गई है, तो यह बात शायद ही सिंगरौलीवासियों को हजम होगी। जी हां, हजम न हो पाने वाली ऐसी ही एक मांग इन दिनों जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, सीधी-सिंगरौली सांसद रीति पाठक ने हालही में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को एक मांग पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने सिंगरौली से इंदौर और मुंबई के लिए नई ट्रेन चलाने की मांग की है। अपने इस मांग पत्र की जानकारी भी उन्होंने अपने सोशल प्लेटफार्म एकाउंट पर शेयर की है। जिसे लेकर सिंगरौली क्षेत्र के लोगों द्वारा नाराजगी जाहिर की जा रही है।
नई सुविधाओं के नाम पर लुभाने का क्या अर्थ है: प्रवीण सिंगरौली जिले के युवा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान ने कहा है कि सांसद श्रीमती पाठक ने ट्रेनों को लेकर ऊर्जाधानीवासियों को जिस प्रकार से तरसाया है, उससे तो लोगों को लगने लगा है कि यह जिला करीब 10-15 साल पहले वाले हालत में पहुंच गया है। सांसद के मांग पत्र में खासकर इंदौर, मुम्बई के लिए यहां से ट्रेन चलाने की मांग को लेकर यह सवाल है कि आखिर सिंगरौली जिले में ट्रेन की पुरानी सुविधाओं को बंद करके नई सुविधाओं के नाम पर लुभाने का क्या अर्थ है? |
सांसद के मांग पत्र में अन्य कई मांगें भी हैं शामिल
हालांकि, इस मांग पत्र में सांसद श्रीमती पाठक द्वारा की गई मांगों में सिंगरौली से इंदौर, मुम्बई के लिए नई ट्रेन चलाने की मांग के साथ-साथ अन्य कई मांगें भी शामिल की हैं। जिसमें रीवा-सिंगरौली रेल लाईन में जिनकी भूमि 11 नवंबर 2019 के पूर्व अधिग्रहित की गई है उन्हें रोजगार दिलाने, सिंगरौली-कटनी रेलमार्ग दोहरीकरण के कार्यों में तीव्रता लाने, सिंगरौली से भोपाल व निजामुद्दीन जाने वाली दोनों ट्रेनों को नियमित करने, बरगवां में ओवर ब्रिज के लिए स्वीकृत राज्यांश को संज्ञान में लेकर निर्माण कार्य प्रारंभ कराने, सिंगरौली से जबलपुर के लिए स्वीकृत शायंकालीन इंटरसिटी का परिचालन शीघ्र कराने, सिंगरौली-निजामुद्दीन एक्सप्रेस का सरई रेलवे स्टेशन में ठहराव स्वीकृत करने और संसदीय क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर ओवर एवं अंडर ब्रिज स्वीकृत करने की भी मांगें शामिल हैं।