विस्थापन लाभ लेने के लिए NCL कर्मियों का कर्तव्य से फर्जीवाड़ा!

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Singrauli News: नियमों के खिलाफ काम कोयला क्षेत्र में आम है। प्रदूषण की रोकथाम से जुड़े उपायोग के साथ ही खासकर, कोल प्रोजेक्ट के विस्तारीकरण व ओवर बर्डेन क्षेत्र में। शोषण के लिए कुख्यात ओबी कंपनियों की छोड़िये, खुद एनसीएल के कर्मचारी व अधिकारी तक एसेट बनाने व विस्थापन का लाभ लेने के लिए मौका बनाने से नहीं चूकते। फिलहाल, एनसीएल की निगाही परियोजना के खदान क्षेत्र के विस्तारीकरण में आने वाले मुहेर गांव को नजीर के रूप में लिया जा सकता है। यहां मूल्यांकन करने वाली एनसीएल की टीम में ऐसे भी नाम हैं जो खुद इस कोयला कंपनी के ही कर्मचारी हैं, जबकि परिसंपत्ति क्रय करने पर उन्हें कंपनी को जानकारी देना अनिवार्य है, मगर ऐसा नहीं किया गया। यही नहीं मेढ़ौली में जिन कर्मियों के मूल्यांकन कार्य पर सवाल उठाए गए थे उनको फिर मुहेर के मूल्यांकन में शामिल कर लिया गया। बताते हैं कि मकानों की नंबरिंग, मूल्यांकन के समय नाम जोड़ने व न होने के बाद भी परिसंपत्तियां दिखाने में ये लोग माहिर हैं और ऐसे एक नहीं बल्कि कई केस हैं।
अपनी जमीन के मूल्यांकन कार्य में शामिल
जानकारी के अनुसार, मूल्यांकन टीम में बंगाल निवासी एक ऐसे एनसीएल कर्मचारी भी शामिल थे, जिनकी जमीन खुद विस्तारीकरण में आ रही है। इसके बाद भी उन्हें मूल्यांकन टीम में शामिल कर लिया गया और उन्होंने बड़े प्रेम से अगस्त व सितंबर के बीच वहां जाकर मूल्यांकन भी कर लिया। यही नहीं मुहेर में उन्होंने जो जमीन रजिस्ट्री कराई थी उसका नामांतरण जनवरी 2021 में हुआ, यानी खरीद इसके कुछ माह पूर्व की गई होगी। अपनी ही जमीन का मूल्यांकन करने वाले इस कर्मी का नाम मेढ़ौली की भू अर्जन प्रक्रिया में शामिल था। जहां प्रभावित भूमि को बाहर व विस्तारीकरण से बाहर की भूमि अंदर दिखाने को लेकर सवाल उठे हैं।

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