इंदौर: Indore News: आमतौर पर पुलिस थानों में अपराधियों की पेशी और पूछताछ की खबरें आती हैं लेकिन इंदौर के ज़ोन-3 स्थित हीरानगर थाने में इन दिनों एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। यहां थाने में न सिर्फ गुंडों की परेड लगी, बल्कि एक ‘पाठशाला’ भी सजी और वह भी परिवार सहित। इस पहल के पीछे था ज़ोन-3 पुलिस का एक नवाचारी अभियान जिसका उद्देश्य था अपराधियों को सुधार की राह पर लाना।
Indore News: इस अनोखी मुहिम के तहत डीसीपी ज़ोन-3 की मौजूदगी में 57 निगरानी बदमाशों को थाने बुलाया गया। लेकिन इस बार न तो सख्त पूछताछ हुई और न ही डांट-फटकार। इसके बजाय उन्हें एक कॉपी और पेन दिया गया और साथ ही उनसे यह भी पूछा गया कि क्या आप अपने बच्चों को अपने जैसा बनाना चाहेंगे, प्रश्न सीधे दिल को छूने वाले थे और इसके जवाब और भी मार्मिक मिले इन सवालों के जवाब बदमाशों ने खुद अपने हाथों से कॉपियों में लिखे।
Indore News: अपराधियों ने अपने पुराने जीवन पर पछतावा जताया और अपने परिवार विशेष रूप से बच्चों के सामने खड़े होकर सुधरने की कसम खाई। कई की आंखें नम हो गईं। इस मौके पर डीसीपी ने हर बदमाश से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। उन्हें समझाया गया कि पुलिस का मकसद सिर्फ कानून का डर बैठाना नहीं, बल्कि समाज में सुधार लाना भी है। त्योहारों को देखते हुए इन सभी बदमाशों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई है साथ ही उनका रिकॉर्ड अपडेट कर निगरानी और सख्त कर दी गई है।
इंदौर में चलाया गया यह “पुलिस सुधार अभियान” क्या है?
यह पुलिस सुधार अभियान ज़ोन-3 की इंदौर पुलिस द्वारा शुरू किया गया एक नवाचारी प्रयास है, जिसमें निगरानी बदमाशों को परिवार सहित थाने बुलाकर सुधार की राह पर लाने के लिए प्रेरित किया गया।
“पुलिस सुधार अभियान” में बदमाशों से क्या सवाल पूछे गए?
उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने बच्चों को अपने जैसा बनाना चाहेंगे? इस सवाल ने भावनात्मक असर डाला और कई बदमाशों ने आत्मग्लानि जताई।
क्या इस “पुलिस सुधार अभियान” के दौरान कानूनी कार्रवाई भी की गई?
हाँ, सभी 57 बदमाशों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई और उनका रिकॉर्ड अपडेट कर निगरानी भी कड़ी कर दी गई।
“पुलिस सुधार अभियान” का उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का उद्देश्य केवल अपराध रोकना नहीं, बल्कि अपराधियों को समाज की मुख्यधारा में लाकर उनके जीवन को सकारात्मक दिशा देना है।
क्या “पुलिस सुधार अभियान” जैसे प्रयास भविष्य में और थानों में भी होंगे?
यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसकी तर्ज पर अन्य क्षेत्रों में भी पुलिस ऐसे सुधारात्मक अभियानों को लागू कर सकती है।