बारिश प्रभावित इलाकों में 27 स्कूली बच्चों सहित 2,900 लोगों को बचाया गया |

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भोपाल, 30 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश में भारी बारिश के बाद सेना और अन्य अधिकारियों ने राज्य के विभिन्न जिलों से 27 स्कूली बच्चों सहित करीब 2,900 लोगों को बचाया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

राज्य में जारी भारी बारिश के बीच कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई जबकि शिवपुरी जिले में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि राहत और बचाव के लिए सेना बुलानी पड़ी है।

गुना जिले में भी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां एक पुल ढह गया।

अधिकारियों ने बताया कि गुना के कई गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

आईएमडी ने भोपाल, विदिशा, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, अशोकनगर, गुना और शिवपुरी समेत कई जिलों में अगले 24 घंटे में आठ से नौ इंच तक बारिश होने का अनुमान जताया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने होमगार्ड मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और बारिश से बुरी तरह प्रभावित जिलों के कलेक्टर व अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जान-माल की सुरक्षा सर्वोपरि है और जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में जिला एवं पुलिस प्रशासन, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन दल सब मिलजुल कर पूरी सजगता और सतर्कता से कार्य करें, राहत एवं बचाव दल पूरी तैयारी से रहें और जरूरतमंदों तक तत्काल सभी प्रकार की मदद पहुंचाई जाए।

एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारी वर्षा के कारण प्रदेश के कुछ जिलों में गांव और घरों में पानी भर जाने जैसी परिस्थितियों के कारण अब तक 2900 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां भारी बारिश होने की सूचना और लोगों के बाढ़ के पानी में फंसे होने की जानकारी मिली है, वहां पूरी क्षमता से बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा नियंत्रण कक्ष से जिलों में जारी राहत एवं बचाव कार्यों का अवलोकन किया और आपदा बचाव दल में तैनात अधिकारियों से बात की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित निकालकर उनका जीवन बचाने में मदद करने वाले लोगों की सूची तैयार कर लें।

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे साहसी, परोपकारी और मददगार लोगों को आगामी 15 अगस्त और अन्य अवसरों पर भी सम्मानित करेगी और इन्हें पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

यादव ने कहा कि सभी जिलों को हरसंभव मदद पहुंचाई जाएगी और बचाव व राहत कार्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

लगातार बारिश और उफनते नदी-नालों के कारण शिवपुरी के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं और हालात इतने खराब हो गए कि जिला प्रशासन को मदद के लिए मंगलवार रात झांसी से सेना बुलानी पड़ी।

एक अधिकारी ने बताया कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र में अब तक 250 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया जबकि 100 से अधिक लोग अभी भी बाढ़ में फंसे हुए हैं।

इस बीच, शिवपुरी जिले में अचानक बाढ़ में फंसे स्कूल से लौट रहे 27 स्कूली छात्र-छात्राओं को सेना ने सुरक्षित निकाल लिया।

बदरवास के ‘राइजिंग सोल्स स्कूल’ के 27 बच्चे छुट्टी के बाद बस से अपने घर लौट रहे थे लेकिन सिंध नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने के कारण ये बच्चे रास्ते में पड़ने वाले पचावली गांव के पास फंस गए।

कोलारस के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) संजय मिश्रा ने बताया, ‘‘रास्ते में पड़ने वाले पचावली गांव के पास सिंध नदी के तेज बहाव के चलते पुल पार करना असंभव हो गया, जिससे बच्चों को वहीं रोकना पड़ा।’’

उन्होंने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना से मदद मांगी गई और सेना की एक टीम ने नाव का इस्तेमाल कर सभी बच्चों को सुरक्षित निकाला। अधिकारी ने बताया कि बच्चे 30 से अधिक घंटे के बाद अपने परिजनों से मिल सके। सुरक्षित निकाले जाने के बाद बच्चों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए।

मौके पर पहुंचे कोलारस के विधायक महेंद्र यादव ने बच्चों को सुरक्षित निकाले जाने के लिए सेना और प्रशासन का आभार जताया।

राहत एवं बचाव अभियान की कमान संभाल रहे सेना के मेजर शिवम गांगुली ने बताया कि उनकी दो टीम अलग-अलग इलाकों में राहत कार्य में लगी हुई है जबकि एक चिकित्सकीय टीम भी तैनात है।

गुना जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड बमोरी में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण आठ गांवों के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

कलेक्टर किशोर कान्याल ने बताया की बमोरी के कलोरा बांध के क्षतिग्रस्त होने से सिंगापुर, तुमड़ा, कुड़का, बंधा, उम्रधा व बनियानी गांव के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

इस बीच, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार देर रात गुना, शिवपुरी और अशोकनगर के जिला अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद किया और बारिश से पैदा हुए हालात का जायजा लिया।

बैठक के दौरान सिंधिया ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, भोजन, शुद्ध पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं और आवश्यकता होने पर नाव, हेलीकॉप्टर एवं अन्य संसाधनों का तुरंत उपयोग किया जाए।

सिंधिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राहत एवं बचाव कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई या देरी स्वीकार नहीं होगी।’’

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को समन्वय पूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए गए ताकि कोई भी परिवार राहत से वंचित न रह जाए।

सिंधिया ने बताया कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय के निरंतर संपर्क में हैं और साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी स्थितियों की नियमित जानकारी साझा की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं।’’

भाषा सं ब्रजेन्द्र जितेंद्र

जितेंद्र

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