मुरैना: Morena News: जिले में बाढ़ की बड़ी तस्वीरें सामने आई हैं। राजस्थान के डैमों से छोड़े गए पानी ने चंबल को रौद्र बना दिया है। चंबल नदी इस समय खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है और अब तक मुरैना के 91 गांवों में तबाही मचा चुकी है। राजस्थान के डैमों से छोड़ा गया पानी और पार्वती-सीप जैसी उफनती नदियों ने चंबल को रौद्र रूप दे दिया है।
Morena News: चंबल नदी इस वक्त खतरे के निशान से पूरे तीन मीटर ऊपर बह रही है, जिससे मुरैना के हालात बेकाबू हो गए हैं। यहाँ बीलपुर गांव में स्थिति बहुत खराब है। लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं थे लेकिन जब पानी घरों के अंदर घुसा, तब एसडीआरएफ की टीम को मजबूरी में रेस्क्यू करना पड़ा। दो दिन पहले कोटा बैराज डैम के 12 गेट खोलकर 2.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। अब रात में फिर से दो गेट खोलकर 15,783 क्यूसेक पानी और चंबल में छोड़ा गया है। बीलपुर के मजरा घेर, मल्हन का पुरा, कंचन का पुरा, छैकुरियन का पुरा और रामप्रकाश का पुरा, सबलगढ़, अंबाह, पोरसा इलाके के दर्जनों गांव खाली करवाए जा चुके हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई हैं।
Morena News: अब तक 400 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राजघाट पर चंबल का जलस्तर 141 मीटर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 138 मीटर है। वहीं अंबाह के उसैद घाट पर हालात और भी खराब हैं। दो दिन से चंबल नदी उफान पर है। प्रशासन गांव-गांव मुनादी करवा रहा है, लेकिन कई ग्रामीण अब भी डूब क्षेत्र में जमे हुए हैं। चंबल में इस वक्त राजस्थान की सात नदियों और आसपास की छोटी नदियों का पानी आ रहा है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से मुरैना कलेक्टर बाढ़ प्रभावित इलाके में गांव-गांव जाकर लोगों को समझा रहे हैं। इसके अलावा जो लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं।