जीवन में सफलता के लिए बॉडी और माइंड को हमेशा फिट व हेल्दी रखना जरूरी है। जब स्वस्थ शरीर व दिमाग होगा तभी हम आगे बढ़ सकेंगे। कुछ यही निष्कर्ष रहा मंगलवार को Singrauli जिले के विंध्यनगर स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र में आयोजित हुए स्पोट्र्स एंड यूथ विंग के कार्यक्रम का।
आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर श्रृंखला के तहत बॉडी एंड माइंड फिट एंड फाइन विषय पर आयोजित हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला क्रीड़ा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडेय व मुख्य वक्ता सतना की राजयोगिनी बीके रानी दीदी थीं, जो गिनीज व लिम्का बुक रिकॉर्डधारक होने के साथ भारत की आयरन क्वीन अवार्ड और ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमंस में प्रथम भारतीय ऊर्जावान महिला के पुरस्कार से भी सम्मानित हैं। इस दौरान ब्रह्मकुमारीज सीधी क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी बीके रेखा दीदी, शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक डॉ. अरुण चतुर्वेदी, पावर इन मी फाउंडेशन के ट्रस्टी व नेशनल प्रेसिडेंट मनोज और डी पॉल स्कूल के स्पोट्र्स टीचर विल्सन सर भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में कुमारी नितिका व कुमारी साहिबा ने गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद बीके रेखा दीदी ने कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों एवं खिलाडिय़ों को समझाया कि जीवन में खेल के द्वारा आनंद का अनुभव कैसे करना है। कहा कि खेल को हमेशा खेल की तरह खेलना चाहिए अर्थात मन में किसी के प्रति ईष्र्या के भाव ना हो। खेल का मकसद है कि हम जीवन में खुशी एवं आनंद का अनुभव कर सकें। आजकल बच्चे एवं युवा भी डिप्रेशन, हीन भावना जैसे नकारात्मक भावों से जूझ रहे हैं, इसलिए अपने मन को निगेटिव बातों एवं वातावरण से दूर रखना है। दीदी ने एक्टिविटी द्वारा मन के संकल्प की शक्ति का प्रभाव कैसे पड़ता है इसका अभ्यास कराया।
विद्यार्थियों को समझाया कि स्पोट्र्स में बॉडी एंड माइंड का फिट होना बहुत जरूरी है, शारीरिक स्वास्थ्य हमें अच्छी दिनचर्या से प्राप्त हो सकता है। जिसमें जरूरी है कि हम समय पर सोएं और समय पर उठें। रात में पढऩे की बजाय सुबह जल्दी उठकर पढ़ें, यह आपकी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आजकल जो जानकारियां इंटरनेट से पाते हैं जरूरी नहीं कि हमारे लिए लाभदायक हो। समझ की कमी से हर इन्फार्मेशन को ज्ञान समझने लगते हैं। फाइस सी का फार्मूला भी बताया। कहा कि कंसंट्रेशन, कॉन्फिडेंस, कमिटमेंट, कोऑर्डिनेशन और कैरेक्टर यह पांच विशेषताएं सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। अंत में बीके शोभा बहन ने सभी को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास कराया। एकाग्रता की शक्ति से मन को कैसे शांत बना सकते हैं इस विधि की सभी ने प्रैक्टिस की। डॉ अरुण चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का अनुभव सभी के साथ साझा किया। कहा कि यह बच्चों के लिए बहुत लाभदायक रहा।