चिकित्सकीय विधा के द्वारा लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टरों का धरती के भगवान का दर्जा दिया गया है। बावजूद इसके सिंगरौली जिले में धरती के ऐसे भगवान अपनी चिकित्सकीय विधा से ज्यादा विवादों के कारण सुर्खियों में और लोगों के निशाने में बने रहते हैं। ये हम नहीं बल्कि एक बार फिर से सामने आये एक मामले से कुछ ऐसी ही स्थितियां बन रही हैं।
दरअसल, Singaruli जिला पंचायत की एक महिला सदस्य ने जिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. यूके सिंह ने उनकी डिलीवरी करने से इनकार कर दिया और उन्हें ओटी से बाहर कर दिया। जबकि वह बार-बार डॉक्टर को बताती रही कि वह जिला पंचायत सदस्य हैं, लेकिन डॉक्टर ने उनकी एक न सुनी।
जिपं सभा ने डॉक्टर को किया तलब
ये पूरा मामला हालही में जिला पंचायत में सदस्यों की आयोजित एक बैठक दौरान सामने आया। जिसमें महिला सदस्या द्वारा लगाए गए आरोप के बाद सदन सक्रिय हुआ और उक्त डॉक्टर के खिलाफ निंदा प्रस्ताव परित किया गया। इसके बाद मौके पर तत्काल उक्त डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी तलब किया गया। इसके बाद लंबी चर्चा चली और सभा ने मामले की जांच करने की एक टीम भी गठित की है।
ये है जिपं सदस्य का आरोप
बताया जा रहा है कि आरोप लगाने जिपं सदस्य ने बैठक में जब अन्य सदस्यों व सभा को इस घटना में बताया, तो उन्होंने कहाकि गर्भावस्था दौरान उनका इलाज डॉ. यूके सिंह की देखरेख में चल रहा था। इसी बीच उन्हें इनफेक्शन की बीमारी के कारण शरीर में कुछ धब्बे हो गए और घरेलू इलाज से ये ठीक भी हो गए थे। इसके बाद जब डिलीवरी का समय आया तो उन्हें परिजन जिला अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर सिंह ने उन्हें देखा और ओटी में ले गए, लेकिन वहां डॉक्टर की नजर जैसी ही उनके शरीर के धब्बों पर पड़ी तो वह चौंक उठे और बोले ये क्या हैं, चलो यहां से जाओ। यह कहते हुये डॉक्टर ने न सिर्फ डिलीवरी करने से मना कर दिया बल्कि ओटी से बाहर निकाल दिया।
ये मामला शर्मसार करने वाला
वाकई में ये मामला शर्मसार करने वाला है। क्योंकि जब जनता द्वारा चुनी गई जनप्रतिनिधि के साथ जिला अस्पताल में इस प्रकार का कृत्य कोई डॉक्टर कर रहा है, तो फिर आमजनों के साथ क्या सलूक होता होगा, यह समझा जा सकता है। उक्त जिपं सदस्य के साथ हुये पूरे घटनाक्रम हो जानने के बाद ही मैंने सदन में निंदा प्रस्ताव डॉ. यूके सिंह खिलाफ पेश किया और सभी सदस्यों ने इसे पास किया। अब सिविल सर्जन डॉक्टर ओपी झा का कहना है कि वह 7 दिवस के भीतर डॉक्टर से चर्चा कर मामले में नियमत: कार्यवाही करेंगे। इसलिए देखते हैं कि वह क्या करते हैं?
– संदीप शाह, सदस्य जिला पंचायत एवं प्रदेश अध्यक्ष आप यूथ