राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने मरीजों की स्वास्थ्य सुविधाओ को बेहरत बनाने की दिशा में एक नई प्रणाली शुरू की है। इस नई प्रणाली के अंतर्गत वो अस्पताल आएंगे जो आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) से जुड़े हैं।जानकारी के अनुसार, इस प्रणाली के तहत अस्पताल के प्रदर्शन को मापने और ग्रेड देने के लिए एक नई प्रणाली शुरू कर रहा है। इसका उद्देश्य अस्पतालों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की मात्रा की जगह स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मूल्य के आधार पर उनके प्रदर्शन का आकलन करना है।
नई प्रणाली में ‘मूल्य-आधारित सेवा’
पीआईबी द्वारा जारी जानकारी में बताया गया है कि आमतौर पर भुगतान करने वाले के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा मॉडल को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की मात्रा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें प्रदान की गई सेवाओं की संख्या के आधार पर केस-आधारित एकमुश्त भुगतान किया जाता है। यह नई प्रणाली ‘मूल्य-आधारित सेवा’ की अवधारणा को सामने लाएगी, जहां भुगतान परिणाम आधारित होगा। इसमें प्रदान किए गए उपचार की गुणवत्ता के अनुरूप अस्पतालों को भुगतान किया जाएगा। नए प्रारूप के तहत रोगियों को उनके स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायता करने के लिए सेवा प्रदाताओं को पुरस्कृत किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप लंबी अवधि में लोगों के बीच रोग के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
इससे लाभ प्राप्त होने की उम्मीद
यह कदम समग्र स्वास्थ्य लाभ में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का संकल्प व्यक्त करता है और रोगियों से लेकर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, भुगतानकर्ताओं व आपूर्तिकर्ताओं तक, यानी सभी संबंधित हितधारकों को इससे लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य परिणाम और उन्हें मिलने वाली सेवाओं से काफी संतुष्टि प्राप्त होगी और प्रदाता बेहतर देखभाल क्षमताओं को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। इसी तरह भुगतानकर्ता किए गए खर्च से उत्पन्न स्वास्थ्य लाभ को अधिकतम करने में सक्षम होंगे।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को करेंगे प्रोत्साहित
इस पहल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. आर.एस. शर्मा ने कहा है कि “पीएम-जेएवाई लाभार्थियों को हर एक सूचीबद्ध अस्पताल में नकद रहित स्वास्थ्य लाभ और उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्राप्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए NHA ने कई उपायों को लागू किया है। इन उपायों में योजना के तहत उपचार की लागत का मानकीकरण और नई व उन्नत उपचार प्रक्रियाओं को शामिल करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, एनएचए ने रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सेवा देने वाले सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को प्रोत्साहित करने का प्रावधान किया है।”
ये भी फायदे होंगे
एक मूल्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में भुगतानकर्ता मजबूत लागत नियंत्रण भी कर सकते हैं। कम दावों वाली एक स्वस्थ जनसंख्या भुगतानकर्ताओं के प्रीमियम पूल और निवेशों पर कम खर्च करती है। आपूर्तिकर्ता अपने उत्पाद व सेवाओं को सकारात्मक रोगी परिणामों और कम लागत के अनुरूप करने में सक्षम होने से लाभान्वित होंगे।
स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में महत्वपूर्ण सुधार का संकल्प
व्यापक रूप से मूल्य-आधारित देखभाल, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को रोगी केंद्रित सेवाएं प्रदान करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए लाभान्वित और प्रोत्साहित करके भारत में स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में महत्वपूर्ण सुधार का संकल्प करता है।
इन पांच प्रदर्शन संकेतकों पर होगा मूल्यांकन
मूल्य-आधारित देखभाल के तहत एबी पीएम- जेएवाई सूचीबद्ध अस्पतालों के प्रदर्शन को पांच प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर आकलित किया जाएगा। ये हैं…
1. लाभार्थी संतुष्टि।
2. अस्पताल में भर्ती होने की दर।
3. आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय की सीमा।
4. पुष्ट की गई शिकायतें।
5. भर्ती रोगी के स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
अस्पतालों का प्रदर्शन डैशबोर्ड पर भी होगा जारी
उपरोक्त संकेतकों के आधार पर अस्पतालों के प्रदर्शन को एक सार्वजनिक डैशबोर्ड पर भी उपलब्ध कराया जाएगा, जो लाभार्थियों को सूचना आधारित निर्णय लेने में सहायता करेगा। इस तरह अस्पताल का प्रदर्शन न केवल अस्पताल के वित्तीय प्रोत्साहन का निर्धारण करेगा बल्कि, पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थियों के गुणवत्तापूर्ण उपचार की मांग भी उत्पन्न करेगा।
मात्रा से मूल्य आधारित हो जाएगी स्वास्थ्य सेवाएं
ये प्रदर्शन मूल्यांकन व मूल्य-आधारित प्रोत्साहन और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता की निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन व डिजिटल उपकरणों के उपयोग, सामूहिक रूप से एबी पीएम-जेएवाई और भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को मात्रा-आधारित से मूल्य-आधारित स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली में रूपांतरित कर देगा।