MP News: मवेशियों का डेरा बनीं सड़के, सुरक्षा कैसे हो CM साहब?, जानिए किसने पूंछा

By
Last updated:
Follow Us

मवेशियों का डेरा बनीं सड़के, इस समस्या से आज लगभग पूरा मध्यप्रदेश जूझ रहा है। ये कहना है, Singrauli जिले के Yuva Congres (युवा कांग्रेस) के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान का। उन्होंने कहा है कि Singrauli जिले समेत प्रदेशभर की सड़कें मवेशियों का डेरा बनीं हुई हैं और इससे सड़के असुरक्षित भी हैं। आये दिन सड़क हादसे (Road Accident) हो रहे हैं। ऐसे हालातो में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सड़को पर किस प्रकार की सुरक्षा पर जोर दे रहे हैं? क्या वह यह सोचते हैं कि क्या सिर्फ हेलमेट चेकिंग, चालानी कार्यवाही से सड़क हादसे कम हो सकते हैं?

दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री ने भोपाल में प्रदेश स्तरीय सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सड़को में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का निर्देश दिया था और सड़कों से मवेशियों को हटाने को भी कहा था, जिससे सड़को पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बनाई जा सके।

ये हुई थी बैठक

मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) को रोकने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय सड़क सुरक्षा (Road Sefty) परिषद की बैठक में दिया है। उन्होंने वाहन नियंत्रित स्थिति में चलाने के लिए लोगों को प्रेरित करने समेत अन्य कई निर्देश भी दिए हैं, जिला सड़क सुरक्षा (Road Sefty) समितियों की बैठकें निर्धारित समय पर करने को उन्होंने कहा है और अंत मे उन्होंने कहा कि मवेशी रोड पर आवागमन को बाधित करते हैं, उनको भी हटाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएँ। ऐसे में मुख्यमंत्री के इन्हीं निर्देशों पर Singrauli जिले के Yuva Congres (युवा कांग्रेस) के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री चौहान ने कई गंभीर सवाल खड़े किये।

मुख्यमंत्री खाना पूर्ति कर रहे या वास्तव में सुरक्षा

मवेशियों का डेरा बनीं सड़कें, इस समस्या पर पूर्व जिलाध्यक्ष युकां का CM से यह भी सवाल है कि आखिर मवेशियों को सड़क से हटाये कौन और कहाँ ले जाए? क्योंकि मुख्यमंत्री को आज जिन मवेशियों की याद सड़को की सुरक्षा के कारण आ रही है। उससे तो मुख्यमंत्री के प्रदेश का लगभग हर जिला ही पिछले कई सालों से पीड़ित है और शहर हो या गाँव, हर जगह की सड़कों पर आवारा मवेशियों का झुंड सड़को की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने के कारण बहुत बड़ी टेंशन बना हुआ है और यह सब जानते हुए भी जिलों का प्रशासनिक महकमा सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठा है। ऐसे में क्या मुख्यमंत्री को सड़क पर सुरक्षा के साथ-साथ मवेशियों की भी सुरक्षा व संरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की नहीं है? अगर, मुख्यमंत्री इस जिम्मेदारी को महसूस करते हैं और समझते हैं, तो मवेशियों का डेरा बनीं सड़को को इस समस्या से मुक्त कराने कुछ न कुछ पुख्ता इंतजाम करेंगे, तब तो कहा जा सकता है वह वाकई में सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के मूड में वे हैं, वर्ना इस राज्यस्तरीय मीटिंग में दिए गए उनके निर्देशों पर जिलों में क्या खानापूर्तिया होने वाली हैं, आने वाले कुछ दिनों बाद खुद ही दिख जाएगा और ये कोई नई बात भी नहीं।

गौशालाओ की व्यवस्था नहीं मिल पाने से बढ़ी ये समस्या

पूर्व जिलाध्यक्ष श्री चौहान का आरोप है कि खुद मुख्यमंत्री श्री शिवराज की सरकार ने प्रदेशभर में आवारा मवेशियों के लिए एक समय गौशालाएँ खुलवाने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं की तो, लेकिन हकीकत में ज्यादातर जिलों में ऐसी कितने गौशालाएँ संचालित हैं कि नहीं, यह सभी जानते हैं। जाहिर है गौशालाओ के संचालित न होने के कारण ही सड़को पर आवारा मवेशियों का झुंड इकट्ठा रहता है और इसके कारण राहगीर ही नही, बेचारे मवेशी भी दुर्घटनाग्रस्त होकर मौत की भेंट चढ़ जा रहे हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा सरकार को क्या मवेशियों की चिंता नही है?

बिना मवेशियों को हटाए, सड़क पर सुरक्षा संभव नहीं

प्रवीण का यह भी कहना है कि अगर मुख्यमंत्री आवारा मवेशियों को सड़कों से हटाने के लिए कोई व्यवस्थित इंतज़ाम नहीं करते हैं, तो बाकी सारे सड़क सुरक्षा के इंतज़ाम भी नाकाफी रहेंगे। इसलिए, मुख्यमंत्री को पहले मवेशियों का इंतजाम करना चाहिए फिर सड़क सुरक्षा व्यवस्था सुचारू हो सकेगी।

 

ये भी पढ़िए-

Singrauli Exclusive: DPC कार्यालय ने चहेते खातिर नियमों की उड़ा दी धज्जियां!; जानिए मामला

For Feedback - vindhyaajtak@gmail.com 
Join Our WhatsApp Channel

कुछ छूट न जाए ....

Leave a Comment