Exclusive: 61% आउटसोर्स कर्मियों के सहारे Madhya Pradesh की बिजली व्यवस्था, स्थिति जान हो जायेंगे हैरान

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61% आउटसोर्स कर्मियों के सहारे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की बिजली व्यवस्था है। दरअसल, ये हम नहीं बल्कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में व्याप्त नियमित मैनपावर की कमियों के सरकारी आंकड़े ये हकीकत खुद बयां कर रहे हैं। इसलिए इसके बारे में जानना बेहद जरुरी है क्योंकि बिजली हर आम खास से जुडी है, मैनपावर की ये समस्या प्रदेश में बिजली व्यवस्थाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संचालित वितरण कंपनियों सर्वाधिक बनी हुई है।

मध्यप्रदेश की चलर बिजली व्यवस्था के खिलाफ लोगों की नाराजगी कोई नई बात नहीं है। मनमाफिक बिजली बिल भेजने से लेकर मीटरों की रीडिंग में मनमानी और ऐसे कई प्रकार के आरोप अक्सर उपभोक्ताओं द्वारा लगाये जाते रहते हैं। इसके अलावा बिजली लाइनों में उत्पन्न होने वाले अवरोधों की कम्प्लेन पर उनकी सुनवाई में होने वाली लेटलतीफी के आरोप भी सर्वाधिक बन रहते हैं। इन हालातों के बीच बिजली व्यवस्थाओं से जुड़ा एक बड़ा मसला यह भी है कि प्रदेश में बिजली व्यवस्थाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 3 वितरण कंपनियों समेत कुल जो 6 बिजली कंपनियां संचालित हैं, उनमें मैनपावर की समस्या भी सर्वाधिक बनी हुई है। ऐसे में मैनपॉवर की कमी से यह कहना गलत न होगा कि बिजली कंपनियों की इस अंदरूनी समस्या का सीधा असर बिजली कंपनियों द्वारा जनता को दी जाने वाली बिजली सेवाओं पर भी बखूबी पड़ता है, लेकिन प्रदेश की सरकार है कि इस मसले पर गंभीर नहीं हो रही।

जानिए, क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े ?

दरअसल, पिछले दिनों दिसंबर 2022 में प्रदेश की विधानसभा में एक विधायक द्वारा पूछे गए एक सवाल में ऊर्जा मंत्री के द्वारा जो जवाब दिया गया था, उसमें प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों समेत कुल 6 बिजली कंपनियों में कार्य करने वाले नियमित संविद और आउटसोर्स कर्मियों की संख्या बन गई है। इसी में चौकाने वाली इस स्थिति का खुलास हुआ कि 61% आउटसोर्स कर्मियों के सहारे मध्यप्रदेश की बिजली व्यवस्था है। शेष में 31.38 प्रतिशत नियमित कर्मचारी और 7.43 प्रतिशत संविदा कर्मचारी हैं।

जानिए, मप्र की बिजली कंपनियों में कर्मियों की संख्या के बारे में

S.NO. बिजली कंपनी का नाम नियमित कर्मी  संविदा कर्मी  आउटसोर्स कर्मी 
1. मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर 6081 1790 10769
2. मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर 6364 1338 17696
3. मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल 5480 2203 14227
4. एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर 365 37 230
5. मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर 3913
6. मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर 2857 572 5920

(नोट- ये आंकड़े विस में संबंधितो की ओर से दिए गए सवाल के जवाब के अनुसार उस स्थिति तक के हैं।)

क्या अंतर है नियमित व आउटसोर्स कर्मियों में?

जानकारों का कहना है कि बिजली कंपनी के जो नियमित कर्मचारी होते हैं, उन्हें वेतन के साथ उनकी रिटायरमेंट के समय के लिए भी एक सक्षम राशि समेत अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं। जबकि आउटसोर्स वाले बिजली कर्मी किसी कांट्रेक्टर के आधीन रहते हैं। भले बिजली कंपनी कांट्रेक्टर वाले आउटसोर्स कर्मियों के वेतन आदि के लिए जो भी नियम बनाने, लेकिन इन्हें कितना वेतन देना है, यह कांट्रेक्टर पर ही निर्भर करता है। इसके अलावा नियमित कर्मियों की तरह अन्य कोई सुविधा भी इन्हें नहीं मिलती है, जबकि ये नियमित कर्मियों की ही तरह पूरा कार्य करते हैं। इन हालात में वर्षों से बिजली कंपनियों में कार्य करने वाले आउटसोर्स कर्मियों को नियमित नहीं किये जाने से उनके असंतोष बना व्याप्त है और इसका सीधा असर काम-काज पर भी पड़ना स्वाभाविक है।

 

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