भारत के सबसे महान जासूसों में से एक हैं रवींद्र कौशिक। ऐसे में इस महान जासूस से के काम काज और उनके जीवन से जुड़ी जानकारियों को फिल्म के द्वारा आने वाले दिनों में देखने का अवसर मिलने वाला है। ये अवसर मिलेगा इस महान जासूस की बायोपिक फ़िल्म द ब्लैक टाइगर से। जिसे गैंगस्टर और बर्फी जैसी बेहतरीन फिल्में देने वाले अनुराग बसु बना रहे हैं और यह फिल्म इनकी करियर की सबसे बड़ी फिल्म भी बताई जा रही है।
भारत के सबसे महान जासूसों में से रवींद्र कौशिक की बायोपिक फ़िल्म द ब्लैक टाइगर को अनुराग बसु ही डायरेक्ट करेंगे। जबकि इस फ़िल्म का निर्माण अनुराग बसु, आर विवेक, अश्विन श्रीवत्संगम और दिव्य धमीजा द्वारा किया जाएगा। कौशिक की कहानी को निर्देशित करने का कारण साझा करते हुए, बसु ने एक बयान में कहा, रवींद्र कौशिक की कहानी साहस और वीरता की है। 20 साल की छोटी उम्र में, उन्होंने 70 और 80 के दशक के कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारा इतना सारा इतिहास या तो छिपा दिया गया है या भुला दिया गया है। हमें इस गुमनाम नायक को पहचानना और उसके बारे में जानना चाहिए।
परिवार ने भी दे दी है सहमति
जानकारी के अनुसार, कौशिक के परिवार ने भी बायोपिक के लिए अपनी सहमति दे दी है और वे रवींद्र कौशिक से जुड़ी सभी जानकारी मेकर्स को देने के लिए तैयार भी हैं। जल्द ही इस फ़िल्म के लिए कास्टिंग भी शुरू हो जाएगी।
जानिए, किसने और क्यों दिया था ‘द ब्लैक टाइगर’ नाम
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रवींद्र कौशिक को ‘द ब्लैक टाइगर’ नाम दिया था। महज 20 साल की उम्र में रवींद्र कौशिक अडरकवर एजेंट बन चुके थे। रवींद्र कौशिक भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट थे, जिन्होंने 1975 से 1983 तक पाकिस्तान में देश के लिए जासूसी की थी। उन्होंने पाकिस्तान में जाकर एक पाकिस्तानी आर्मी ऑफिसर के रूप में रॉ के लिए काम किया था। वे पाकिस्तानी आर्मी में रहते हुए भारत को खुफिया जानकारी भेजते थे। लेकिन साल 1983 में उनकी पहचान का पता होने के बाद उन्हें पाकिस्तान की आर्मी ने अपने कब्जे में कर लिया था। उन्हें पाकिस्तान में ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उनकी मौत पाकिस्तान की ही जेल में हो गई थी। वे टीबी से पीड़ित थे।
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