Surya Grahan 2023: साल का पहला सूर्यग्रहण गुरुवार, 20 अप्रैल को शुरू हो चुका है। इस ग्रहण की शुरूआत सुबह 7 बजकर 4 मिनट से हो गई है और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर यह ग्रहण खत्म होगा। कुल मिलाकर इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी। लेकिन, ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए जानकारों के मुताबिक, इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा।
वहीं, ग्रहण की खगोलीय घटना हमेशा से लोगों को रोमांचित व आकर्षित करती रही है। ऐसे में साल का ये पहला सूर्य ग्रहण भारत में न दिखने की खबर से लोगों के जहन में ये सवाल भी उठ रहा होगा, कि आखिर ये ग्रहण पृथ्वी पर कहाँ-कहाँ से कैसे गुजरेगा? ऐसे में इन सवालों का काफी हद तक जवाब विकिपीडिया (Wikipedia) द्वारा जारी एक चलचित्र से मिल जाएगा, जिसे हम नीचे दिखा रहे हैं। इसमें पृथ्वी से गुजरने वाले सूर्यग्रहण का संभावित एनिमेटेड रूट दिखाया गया है।
Surya Grahan 2023: इसलिए बेहद खास रहने वाला है ये सूर्यग्रहण
आज, गुरुवार को साल के पहले सूर्य ग्रहण के साथ-साथ वैशाख अमावस्या भी है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है, लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा जिस वजह से सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है। कहा जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस बार एक ही दिन में तीन तरह का सूर्य ग्रहण दिखेगा, जिसे वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया है। इनमें आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण शामिल होंगे।
Surya Grahan 2023: ज्योतिष मान्यता
ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं के रूप में देखा जाता है। इसके कारण ग्रहण के दौरान शुभ कार्य और पूजा पाठ वर्जित माने जाते हैं। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पीड़ित हो जाते हैं, जिस कारण सूर्य की शुभता में कमी आ जाती है।
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