Singrauli News: ऊर्जा व खनिज संपदाओं से भरपूर सिंगरौली जिला सरकार को प्रदेश में सर्वाधिक राजस्व देने वाले जिलों में से एक है। इसके बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं और कनेक्टिविटी के अभाव का दंश झेलने को सिंगरौली (Singrauli) जिला मजबूर हैं। ये सिंगरौली जिले के लिए दुर्भाग्य हालात से कम नहीं।
ये आरोप सिंगरौली जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री सह मीडिया प्रभारी प्रवीण सिंह चौहान ने लगाए हैं। ये आरोप श्री चौहान ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए जिले को मिली क्रिटिकल केयर ब्लॉक की सौगात को लेकर कहा है। जिसके लिए प्रशासन और जनप्रतिधि आजतक कोई जमीन मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।
Singrauli News: स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने के अवसर को नहीं भुना रहे
दरअसल, श्री चौहान बताते हैं कि सिंगरौली जिले को कुछ माह पहले केन्द्र से क्रिटिकल केयर ब्लॉक आवंटित हुआ था। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत ये ब्लॉक जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर के समीप करीब 16 करोड़ की लागत से बनाया जाना है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि इस क्रिटिकल केयर ब्लॉक के लिए आवश्यक करीब 25 डिसमिल जमीन यहां का प्रशासन व जनप्रतिनिधि नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल के सामने काफी मात्रा में जमीन खाली पड़ी है।
Singrauli News: खाली जमीन पर सिविक सेंटर बनाने की तैयारी
श्री चौहान ने कड़ी आपत्ति जताते हुये कहा है कि सुनने में आया है कि इस खाली जमीन पर नगर निगम सिविक सेंटर बनाने का प्लान कर रहा है। जबकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिंगरौली की जनता के लिए सिविक सेंटर से अधिक जरूरी क्रिटिकल केयर ब्लॉक है। क्योंकि यहां के मरीजों को इस प्रकार की क्रिटिकल केयर सुविधा के लिए जिले के बाहर बड़े शहरों में जाना पड़ता है, जहां लाखों रूपये खर्च करने पड़ते हैं और इस चक्कर में कइयों के घर तक बिक जाते हैं।
Singrauli News: क्या स्वास्थ्य सेवाओं पर विराम लगाकर बनायेगे सिंगापुर?
श्री चौहान ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के द्वारा सिविक सेंटर बनाये जाने के नाम पर प्लाटों की खरीदी-बिक्री करके बंदरबांट करने की योजना है, इसीलिए सत्तापक्ष के सांसद, विधायक से लेकर नगर सरकार भी जनता के हितों से जुड़े क्रिटिकल केयर ब्लॉक के लिए आज तक कोई सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। जाहिर है कि जनता के हितों की अनदेखी का ये जो कारनामा शिवराज सरकार के राज में ही देखने को मिल रहा है, उससे समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंगरौली को किस प्रकार का सिंगापुर बनाना चाहते हैं। क्या स्वास्थ्य सेवाओं पर विराम लगाकर सिंगरौली को सिंगापुर बनाएंगे?
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