Coal Mafia की हेराफेरी: कोयले की हेराफेरी का खेल सिंगरौली-सोनभद्र परिक्षेत्र में इतने व्यापक पैमाने पर चल रहा है कि इसकी कलई जब-जब खुलती है तो नए-नए तरीके के खेल सामने आते हैं।
कोयले की हेराफेरी का ऐसा ही खेल इन दिनों इन द्वय परिक्षेत्र में सुर्खियों में बना हुआ है, जिसमें कोल माफिया की करतूतों को परिक्षेत्रों के खाकीधारियो के द्वारा नज़रअंदाज करने की खबरे सामने आ रही हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही, लेकिन पुलिस की ये कार्यवाहियां इतनी प्रभावी भी नहीं कि इससे कोयले के अवैध कारोबार पर विराम या लंबी लगाम लगाई जा सके, इसलिए इन कार्यवाहियों को खानापूर्ति नहीं तो फिर क्या कहेंगे?
Coal Mafia की हेराफेरी: कैसे चल रहा कोयले की हेराफेरी का खेल?
सूत्र बताते हैं कि कोयला चाहे सोनभद्र तरफ की खदान का हो या फिर सिंगरौली तरफ की खदान का। उसकी हेराफेरी खड़िया-शक्तिनगर के दो युवको जग जीवन और कृपाशंकर के इशारे पर व्यापक पैमाने पर की जाती है। ये लोग पर्ची देकर कोयला खदान में कोयला लोड करते हैं, इसके बाद खदान से लोड होने के बाद गाड़ी सीधे चंदासी-वाराणसी में पहुंचती है, जहाँ गुड्डू के यहां अनलोड किया जाता है। डिबुलगंज-अनपरा में मे. विकास के आफिस में खदान का पेपर जमा कर लिया जाता है और एक नया पेपर कोयला लोड गाड़ी के स्टाफ़न को दिया जाता है, ये नया कागज गढ़वा-झारखंड का रहता है जिसके आधार पर कोयला लोड गाड़ी सिंगरौली-सोनभद्र से सीधे बनारस-चंदौली के मंडी में पहुँच जाती है।
Coal Mafia की हेराफेरी: इससे माफिया की करतूतों का शक गहराया
कोयले की ऐसी ही हेरफेरी पर पहले ही मेसर्स विकास ट्रेडर्स के धनंजय सिंह, नारायण दास अग्रवाल, ट्रक चालक राजकुमार यादव, विनोद कुमार, दिनेश कुमार, मंसूर अली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में अब कोयले की इस हेराफेरी के खेल को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है।
Coal Mafia की हेराफेरी: सोनभद्र पुलिस ने कसी थी नकेल
कोयले के अवैध कारोबारियों पर पिछले दिनों सोनभद्र पुलिस ने जो कार्यवाही की थी उस दौरान कहा गया था कि जो कोयला मध्यप्रदेश के कोलयार्ड तक पहुंचना था और वहाँ से ट्रेन में लोड होकर सीधे पॉवर प्लांट में जाना था। वहीं कोयला कोल माफिया के द्वारा कोयला की मंडियों में पहुँचा दिया जाता है। पुलिस अधिकारियों ने तो ये भी उस दौरान स्पष्ट किया था कि गलत तरीके से फर्जी कागजातों के आधार पर एनसीएल से निकलने वाला कोयला जो रेलवे रैक से लोडिंग होकर पॉवर प्लांटों के लिए जाता है उसको ट्रकों पर लोड करके चंदासी मंडी भेजा जा रहा था। जिसकी लगातार सूचना मिल रही थी। सूचना के तहत ही पुलिस द्वारा जांच करवाई गई और इस जांच में कोल माफिया के द्वारा किया जाने वाला कोयले की हेराफेरी उजागर हुआ था और इसी के आधार पर 23 गाड़ी कोयला पकड़ा गया था।
Coal Mafia की हेराफेरी: कौन है मास्टरमाइंड?
सूत्र बता रहे है कि सोनभद्र पुलिस की कार्यवाही में जो लोग पकड़ में आये थे या चिन्हित हुए थे वह तो कोयले की हेराफेरी के प्यादे थे और इस हेराफेरी का असली मास्टरमाइंड कोई और ही है जो इस कार्यवाही के बाद भी कोयले की हेराफेरी को फिर से जोर पकड़ा रहा है। इस हेराफेरी में अब सूत्र गोदावरी और संगीता की भी बड़ी मिलीभगत बता रहे हैं। ऐसे के ये सवाल उठता है कि कोयले की इस बड़ी हेराफेरी का मास्टमाइंड कौन है, जिस तक न तो सोनभद्र पुलिस और ना ही सिंगरौली पुलिस के हाथ पहुंच पाए हैं?
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