Maharatna CIL: महारत्न कोल इंडिया लिमिटेड (Maharatna CIL) में कोल कर्मियों वेतन आदि मसलों का निर्धारण एनसीडब्ल्यूए (NCWA) के प्रावधानो के तहत होता है। इन्हीं प्रावधानों में से एक है 9.4.0 (मेडिकल अनफिट)।
एनसीडब्ल्यूए (NCWA) के 9.4.0 (मेडिकल अनफिट) के तहत गंभीर रूप से बीमार व स्थाई रूप से अक्षम कोयला श्रमिक को मेडिकल अनफिट कर उसके आश्रित को नौकरी देने का प्रावधान है। ये कहना है महारत्न कोल इंडिया लिमिटेड (Maharatna CIL) के ही जेबीसीसीआई (JBCCI) कमेटी के HMS (एचएमएस) से सदस्य व
नेशनल कोल एण्ड पॉवर सेक्टर मेंस यूनियन (एचएमएस) के महामंत्री MP अग्निहोत्री का।
Maharatna CIL: दुर्भाग्यपूर्ण है कि CIL से अपने हो रहे उपेक्षित
श्री अग्निहोत्री ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि महारत्न कोल इंडिया लिमिटेड (Maharatna CIL) देश के कोयला उद्योग का एक नामी नाम है। यह कंपनी अपने कर्मचारियों /श्रमिको के अटूट मेहनत कार्य कुशलता एवम निष्ठा के बदौलत विकास की सारी संभावनाएं तलाशते हुए आगे बढ़ रही है। आज कोल इंडिया देश में ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति के लिए एक सक्षम उद्योग है। वर्तमान में कोल इंडिया की तमाम अनुषंगी कंपनियां घाटे से उबर कर मुनाफे की ओर अग्रसर हो रही है। वर्तमान कोल इंडिया चेयरमैन जो की बरिष्ठतम आईएएस (IAS) अधिकारी हैं उनके कुशल मार्गदर्शन में CIL ने प्रगति के नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चेयरमैन कोल इंडिया के रूप में इनका कार्यकाल पूरा होने के बाद भी कोयला का मजदूर इनके योगदान को भुला नहीं पाएगा। बावजूद इसके इतना सबकुछ अच्छा होने के बाद भी 9.4.0 (मेडिकल अनफिट) के प्रावधानों का लाभ मज़बूर कर्मियों को पिछलें कुछ वर्षो से नहीं मिल पा रहा है और ऐसे पीड़ित कोल कर्मियों की बड़ी कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में हो गई है। वकाई में ये हालात काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
Maharatna CIL: इससे प्रभावित होता है उद्योग का गौरव
श्री अग्निहोत्री ने ये भी कहा है कि किसी भी उद्योग का मानव संसाधन विकास व सामाजिक सुरक्षा लाभ उद्योग की प्रतिष्ठा के मूलभूत कारक होते हैं। इन कारकों का संबंधित उद्योग प्रबंधन द्वारा अनदेखा करने से उद्योग का गौरव प्रभावित होता है। ऐसे में महारत्न कोल इंडिया लिमिटेड (Maharatna CIL) व उसकी अनुषंगी कंपनियों में 9.4.0 (मेडिकल अनफिट) के प्रावधानों का पालन न करना और उल्टे इसके कारण परेशान होते कोल कर्मी
Maharatna CIL: भष्टाचार की भेंट चढ़ा 9.4.0 और अघोषित तरीके से बंद
श्री अग्निहोत्री ने यह भी कहा है कि निश्चित रूप से कोल इंडिया का यह नियम आज भी प्रभावशील है लेकिन इस नियम को अघोषित तरीके से बंद करके रखा जाना प्रतीत होता है। एनसीडब्ल्यूए (NCWA) के किसी भी नियम को किसी अन्य फोरम में किसी भी अथॉरिटी को बदलने का कोई अधिकार नहीं है और यदि ऐसा कोई करता है कानूनन उचित नहीं है। हमे प्रतीत होता है की कोल इंडिया जेबीसीसीआई (JBCCI) के द्वारा तैयार एनसीडब्ल्यूए (NCWA) नियम 9.4.0 किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है और इसी वजह से नियम विद्यमान रहते हुए अघोषित रूप से बंद है। इस नियम को कार्यान्वित करने में जो भी आवश्यक उपनियम शर्ते बनाने की आवश्यकता पड़े उसे बनाना चाहिए और जरूरत मंद को हर हाल में इसका लाभ मिलना चाहिए।
Maharatna CIL: कोयला उद्योग खतरनाक प्रकृत का, जोखिम में काम करते हैं कर्मी
कोल कर्मियों के मेडिकल अनफिट मसले को लेकर श्री अग्निहोत्री ने ये भी कहा है कि क्योंकि कोयला उद्योग एक खतरनाक प्रकृत का उद्योग है। कोयला उद्योग में काम करने वाले श्रमिक/कर्मचारी विपरीत परिस्थितियों में काम करते हुए दुर्घटना या बीमारी के कारण स्थाई रूप से काम करने में अयोग्य हो जाते है। वर्षों तक अनुपस्थित रहते है। जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते है। उनका परिवार अस्त व्यस्त हो जाता है। ऐसे प्रकरणों को कोल इंडिया प्रबंधन अपने संज्ञान में लेकर त्वरित निदान करना चाहिए। यह भी आवश्यक है की उक्त नियमो को लागू करने में पारदर्शिता एवम नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए।
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