MP News: मुख्यमंत्री चौहान (CM Chauhan) ने कहा कि मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार ने किसानों को डिफाल्टर बना दिया था। वर्तमान राज्य सरकार ने लगभग 2200 करोड़ रूपये का भुगतान कर किसानों को राहत दी। गत 3 वर्ष में किसानों के लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक बीमा दावों की 20 हजार करोड़ की राशि का भुगतान किया गया।
किसानों के खाते में करीब पौने 3 लाख करोड़ की राशि के हितलाभ अंतरित किए गए। इसी तरह 49 हजार करोड़ के कृषि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिए गए। मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की राशि डेढ़ गुना करते हुए वार्षिक 4 हजार के स्थान पर 6 हजार रूपये की गई। किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की वार्षिक 6 हजार की राशि भी प्राप्त होती है। इस तरह किसान को बारह माह में 12 हजार की राशि मिलेगी। अन्य योजनाओं से भी किसान का परिवार लाभान्वित होता है। इनमें लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना एवं उज्ज्वला योजना, शिक्षण शुल्क की सहायता, कक्षा 12वीं में 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर मेडिकल और इंजीनियरिंग महाविद्यालय में फीस और आवास योजनाएँ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री चौहान (CM Chauhan) ने किसानों के कल्याण के लिए मापदंड बदले है। एक बार फिर मुख्यमंत्री ने किये किसनो के प्रति समस्यो के समाधान किये बड़े ऐलान किसनो को केले की खेती पर क्षति पर दोगुना राशि मिलेगी।
सरकार ऐसी ही होना चाहिए
मुख्यमंत्री चौहान (CM Chauhan) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा किसानों से शासकीय योजनाओं के संबंध में चर्चा भी की। मुख्यमंत्री चौहान ने सविता चौधरी, दिगम्बर, सुधाकर चौधरी और रामकृष्ण कोरकू से चर्चा की। इन सभी किसानों को डेढ़ लाख से तीन लाख रूपये के मध्य राहत राशि प्राप्त हुई। रामकृष्ण कोरकू ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि उन्होंने 5 एकड़ क्षेत्र में कृषि कार्य करते हुए ढ़ाई एकड़ क्षेत्र में केले लगाए। इनमें से डेढ़ एकड़ में फसलों की क्षति हो गई। राहत राशि के रूप में एक लाख 30 हजार की राहत राशि राज्य सरकार से मिली है। सरकार ऐसी ही होना चाहिए।
केले के फसल की क्षति प्रतिपूर्ति की दर दोगुनी कर
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केले के फसल की क्षति प्रतिपूर्ति की दर दोगुनी कर दी गई है। इस महत्वूर्ण संशोधन के अनुसार अब किसान को केले की फसलों की 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर राहत राशि 15 हजार से बढ़ा कर 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दी जाएगी। इसी तरह 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 27 हजार से बढ़ा कर 54 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि दी जाएगी। यदि 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है तो मिलने वाली राहत राशि एक लाख के स्थान पर 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर होगी।
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