Singrauli News: सत्ता के नशे में चूर भाजपा (BJP) के राज में सिंगरौली जिला (Singrauli District) एक भ्रष्टाचार और लूट का बहुत बड़ा गढ़ बना हुआ है, सिंगरौली की जनता का कोई भी जनहित काम के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को बिना रिश्वत दिए नही होता है। ये आरोप लगाया है आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सिंगरौली के जिलाध्यक्ष राजेश सोनी ने
आज सिंगरौली जिले में किसी भी सरकारी विभाग में देखा जाए तो अधिकारी जनहित जैसे कामों को करने के लिए तैयार नही हैं, प्रशासनिक अधिकारियों को ना तो तबादले डर है ना तो कार्यवाही का जिले में एक बार यदि कोई अधिकारी पदस्थ हो जाते हैं तो वापस जाने का नाम तक नही लेते, बल्कि अंगद के पांव तरह जम जाते हैं, प्रसाशनिक अधिकारी खुलेआम भ्रष्टाचार में लिप्त हैं आवाज उठाने वाले व्यक्ति के ऊपर झूठा मुकदमें के आरोप में फसाने की साजिश रची जाती है।
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सिंगरौली के जिलाध्यक्ष राजेश सोनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है व सत्ता में बैठी भाजपा सरकार के ऊपर कड़ा प्रहार किया है और कई आरोप लगाए हैं।
ये आरोप लगाए आप क जिलाध्यक्ष ने
- कभी कभी सुनने को मिलता है कि लोकायुक्त जैसे एजेंसियों के द्वारा छापे मारे जाते हैं, जिमसें प्रायः चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी पकड़े जाते हैं, लेकिन किसी भी छापे में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी के ऊपर छापा नही पड़ा है, जैसे कि ये बड़े पद पर बैठे अधिकारी दूध के धुले हुए हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि जितनी भी बड़ी मछलियाँ है वो सब को मैनेज कर के रखे हैं।
- सिंगरौली जिला एक चारागाह बना हुआ है, कोई भी आये और बिना किसी डर के जनता को लूट कर जा सकता है, जिससे आज सिंगरौली जिले की जनता हताश और निराश है, क्योंकि जनता का सुनने के लिए जिले में कोई भी जिम्मेदारी अधिकारी तैयार नही हैं, सिंगरौली जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी हो चाहे विधायक सांसद हो कुम्भकर्ण की नींद में लीन है।
- जिले में यदि अस्पताल, एयरपोर्ट, रेलवे, हाइवे, सड़क निर्माण, बिजली की व्यवस्था, पीने का पानी प्रदुषण रोकथाम के लिए कोई भी कदम नही उठाये जाते हैं जैसे कि सिंगरौली जिले में मनुष्य नही बल्कि जानवर रहते हैं। प्रत्येक दिन हो रहे कोल वाहन से सड़क दुर्घटना रोकने की जैसी व्यवस्था को देखा जाए, कोई भी जिम्मेदार इस मुद्दें पर बात नही करना चाहते हैं, प्रत्येक दिन जिले के निवासी कीड़े मकोड़े की तरह मसले जाते हैं, कई महिलाएं विधवा हो गयी। कई महिलाये तो पुत्र विहीन हो गयी,सिंगरौली जिले के जैसा पिछड़ा जिला शायद ही कही और हो, यदि विस्थापन के मुद्दे को देखा जाए तो विस्थापित एवं प्रभवित परिवार अपने ही हक के लिए जगह जगह भटकने पर मजबूर हैं, गरीब किसानों की जमीन औने पौने दामों पर जबरजस्ती अधिकारियों के संरक्षण में कंपनियों के द्वारा लूट जा रहा है, यदि प्रभवित परिवार आने हक के लड़ाई लड़ते हैं,तो उनको ऊपर भी झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते हैं, गरीब किसान, मजदूर मुकदमे डर से सहमे रहते हैं, क्योंकि जनता को न्याय दिलाने वाले जनप्रतिनिधियों से पूरी आस खत्म हो चुकी है।
- जिले के हिस्से का डीएमएफ राशि पर सभी सत्ताधारी विधायक सांसद अपने निजी स्वार्थ के कारण चुप्पी साधे हुए हैं, ताकि इनको आगामी चुनाव में पार्टी का सिम्बल मिल सके,क्योंकि इनकी खुद की कोई वजूद नही है, इन सत्ताधारी नेताओं के व्यक्तिगत स्वार्थ एवं लाभ के चक्कर में सिंगरौली जिला आज बर्बादी की कगार पर पहुँच चुका है, जिले में निजी कंपनियों एवं एनसीएल जैसे कंपनियों को कोल ब्लॉक दिया गया है,अधिक से अधिक प्रोडक्शन के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री डाल कर ब्लास्टिंग किया जाता है, जिसके कारण लोगो के घरों में में दरारें पड़ चुका है, गरीब जनता किसी तरह से अपने मकान का निर्माण कराते हैं ताकि घरों में सुरक्षित रह सकें,लेकिन कही से भी ये घर सुरक्षित नही हैं, जिले में तमाम प्रकार की कंपनियां स्थापित हैं, उसके बावजूद भी जिले के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, यदि कोई आउटसोर्सिंग कंपनियों में नौकरी करना चाहे तो उसको सत्ताधारी नेताओं को मोटी रकम की चढोत्तरी देना पड़ता है।
- मध्यप्रदेश में कई वर्षों तक कांग्रेस की भी सरकार रही लेकिन कांग्रेस सरकार के द्वारा भी सिंगरौली के उद्धार के लिए कोई भी ठोस कदम नही उठाये गए और पिछले 20 वर्षों से भाजपा की सरकार चल रही है, जिमसें भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच गया है, कांग्रेस पार्टी विपक्ष में 20 वर्षों से बैठी है, लेकिन सिंगरौली जिले के गंभीर मुद्दों को कभी भी विधानसभा में नही उठाया गया है, जिसके कारण सिंगरौली की जनता तंग आ चुकी है, आने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित ही जनता इन दोनों पार्टियों को आईना दिखाने का काम करेगी।
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