Singrauli Breaking: सिंगरौली पुलिस (Singrauli Police) ने तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) की अनूठी पहल शुरू की है। तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) के तहत तेजस्विनी एंबेसडर (Tejaswini Ambuster) बनाकर युवतियों व समाज को जागरूक किया जा रहा है।
पुलिस (Police) अधीक्षक के मार्गदर्शन मेें अभियान (Tejaswini Campaign) के तहत जिले के पुलिस अधिकारियों के द्वारा स्कूल/गॉव/मोहल्ला/कस्बा में विशेष जागरूकता कार्यक्रम लगातार आयोजित किये जा रहे है। इस क्रम में 4 जनवरी को महिला थाना व महिला सुरक्षा शाखा द्वारा सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैढ़न में विशेष जागरूकता अभियान (Tejaswini Campaign) तेजस्विनी अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला थाना प्रभारी अर्चना द्विवेदी द्वारा तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) के संदर्भ में विस्तारपूर्वक बताया गया। तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) के लिए तेजस्विनी एंबेसडर नियुक्त किए गए।

पुलिस अधीक्षक जिला सिंगरौली (Singrauli) मो. यूसुफ कुरैशी (Mo. Yusuf Kureshi) के द्वारा धारा 363 भादवि के प्रकरणों में कमी लाये जाने के उदेश्य से जिले में विशेष अभियान ‘‘तेजस्वनी (Tejaswini) ‘‘ चलाया जाकर जागरुक किया जा रहा है।
महिला थाना प्रभारी द्वारा बताया गया कि तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) अंतर्गत मुख्यतः युवतियों को बेहतर जीवन जीने तथा उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर रहने के संबंध में, नाबालिक अवस्था में घर से बिना बताए किसी के प्रेम प्रसंग अथवा प्रलोभन में आकर चले जाने पर किस प्रकार आपका व्यावहारिक / शैक्षणिक जीवन पूर्ण रूप से नष्ट हो जाता है एवं आपके परिजनों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पडता है, के संबंध में, वह व्यक्ति जो आपको प्रेम प्रसंग अथवा अन्य प्रलोभनों में फंसा कर अपने साथ भगाकर ले जाता है, उसके विरुद्ध पॉक्सो एक्ट के विभिन्न प्रावधानों अंतर्गत कठोरतम वैधानिक कार्यवाही की जाती है। जिसमें 7 वर्ष से लेकर शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए दंड का प्रावधान है, के संबंध में, नाबालिक अवस्था 18 वर्ष से कम उम्र की आयु में स्वयं के द्वारा लिए गए निर्णय का कोई महत्व नहीं रहता है, के संबंध में, नाबालिक अवस्था में स्वयं को प्रेम प्रसंग अथवा अन्य प्रलोभनों से कैसे बचाना है, के संबंध में बृहद रूप से बताया गया।
• अभियान (Tejaswini Campaign) के तहत संबंधित थाना क्षेत्र की एक तेजस्विनी एंबेसडर का चयन किया जा रहा है। जो अभियान को सशक्त रूप देकर युवतियों को जागरूक करेंगी।
• तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) अंतर्गत मुख्य रूप से 13 से 17 वर्ष की युवतियों को जागरूक किया जा रहा है।
• नाबालिक युवती स्वयं में कोई निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं है वह किसी के बहकावे में आकर अथवा नादानीवस निर्णय लेते हुए किसी के साथ घर छोड़कर नहीं जाए और ना ही भागे, के संबंध में जानकारी दी जा रही है।
• यदि कोई नाबालिक युवती प्रेम प्रसंग अथवा अन्य कारणों से किसी युवक के साथ घर में बिना बताए चली जाती है। तब इस नाबालिक युवती के परिजनों को थाने में सूचना देकर सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है, क्योंकि जिस समय आप भागे हैं, वह आपकी नाबालिक अवस्था है, के संबंध में जानकारी दी जा रही है।
• नाबालिक युवती की उम्र 18 वर्ष से कम होने पर उसके द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय माननीय न्यायालय के समक्ष मान्य नहीं है, के संबंध में जानकारी दी जानी है। इसमें आपके द्वारा यह कहा जाना कि यह मुझे प्रेम करता है और मैं इसके साथ शादी करके रहना चाहती हूं मान्य नहीं है।
• जिस युवक के प्रेम प्रसंग में आप अपना घर एवं परिजन छोड़कर चली जाती हैं, उस युवक के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाही कर गिरफ्तारी की जाकर माननीय न्यायालय द्वारा जेल निरुद्ध कर दिया जाता है एवं विचारण पश्चात कठोरतम दंड से दंडित किया जाता है, जिसमें 7 वर्ष से लेकर शेष प्राकृत जीवन काल तक के लिए सजा का प्रावधान है।
• पॉक्सो एक्ट एवं अन्य कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी देकर अपराधिक प्रवृत्ति के क्या-क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं के बारे में अवगत कराया जा रहा है।
कार्यक्रम में अर्चना द्विवेदी, महिला थाना प्रभारी , प्रधार आर. आशीष बागरी, ज्योति पाण्डेय, महिला थाना से प्रधान आरक्षक अल्पना सिंह, बेलाकली सिंह, रवि सिंह उपस्थित रहे।
पुलिस अधीक्षक श्री मो. यूसुफ कुरैशी ने बताया कि जिला सिंगरौली आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ-साथ दो राज्यों उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सीमाओं से लगा हुआ है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की कमी, गरीबी एवं नासमझी के कारण अपहरण/व्यपहरण/मानव दुर्व्यापार जैसी घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं। नाबालिगो के अपहरण का बढ़ता ग्राफ यह दर्शाता है कि समाज में अभी नाबालिक बालिकाओं में उतनी समझदारी एवं परिपक्वता नहीं है, जिससे उन्हें एक सही दिशा मिल सके। हम इन नाबालिक युवतियों को कैसे सही दिशा दिखाएं यह हमारे लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इसी परिप्रेक्ष्य में जिले में भ्रमण के दौरान यह तर्क मस्तिष्क में आया कि यदि इन नाबालिक बालिकाओं को उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों के साथ यह बताया जाए कि उनका जीवन जब नाबालिक से किशोरावस्था की ओर आता है, तो उन्हें किस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए और किस दिशा में नहीं। नाबालिक बालिका के द्वारा उठाया गया एक गलत कदम उनके लिए, उनके परिजनों के लिए कितना कष्टकारी होता है एवं वह व्यक्ति जो उन्हें प्रेम प्रसंग अथवा अन्य प्रलोभनों में बहला फुसलाकर भगाकर ले जाता है, उन सभी के लिए दंड के स्वरूप क्या-क्या है? नाबालिक अवस्था में स्वयं की इच्छा से किसी के साथ चले जाना मायने नहीं रखता है। इन सबके लिए विभिन्न कानूनी प्रावधानों में अलग-अलग कठोरतम दंड का प्रावधान है। जिसमें 7 वर्ष से लेकर शेष प्राकृत जीवन काल तक के लिए सजा का प्रावधान है। ऐसी नासमझी की घटनाओं को समझदारी के साथ रोकने के लिए जिला सिंगरौली में विशेष जन-जागरूकता अभियान तेजस्विनी (Tejaswini Campaign) को शुरू करने का निर्णय लिया, जो गतिशील एवं प्रभावशील भी है। तेजस्विनी अभियान (Tejaswini Campaign) का मूल उद्देश्य धारा 363 भा.द.वि. के प्रकरणों में कमी लाना है। इस अभियान (Tejaswini Campaign) से अवश्य ही नाबालिक बालिकाओं को एक सही दिशा एवं सही निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त होगी।
इस संबंध में समस्त राजपत्रित अधिकारियों, थाना एवं चौकी प्रभारी को अपने-अपने अनुभाग एवं थाना-चौकी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विद्यालयों, महाविद्यालयों, ग्राम, करबा, मोहल्ला, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, ऑटो स्टैंड, शॉपिंग मॉल आदि स्थानों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम तेजस्विनी (Tejaswini Campaign) अंतर्गत आयोजित किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है।
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