श्री पाण्डेय को उनकी रचना बाल रामायण के लिए मप्र संस्कृति परिषद द्वारा सम्मानित किया जाएगा। सिंगरौली निवासी श्री पाण्डेय का चयन वाले प्रदेश के विभिन्न प्रसिद्ध रचयिताओं में चुना गया है। उन्हें परिषद प्रादेशिक ‘हरिकृष्ण देवसरे’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। हालही में मप्र संस्कृति परिषद के द्वारा प्रादेशिक पुरस्कार के लिए प्रदेश के चयनित रचयिताओं की लिस्ट जारी हुई है, जिसमें श्री पाण्डेय का नाम प्रदेशभर के रचनाकारों की लिस्ट में 9वे नंबर पर है।
खास बात ये है कि इस प्रकार की उपलब्धि हासिल करने वाले बाल रामायण के रचयिता श्री पाण्डेयसिंगरौली जिले के पहले सख्श भी बताए जा रहे हैं, इसलिए भी ये जिले के लिए एक गौवरपूर्ण अवसर से कम नहीं।
बाल रामायण की रचना करके श्री पाण्डेय भगवान श्रीराम की लीलाओं को उन्होंने जन जन तक पहुंचने का जो काज शुरू किया है, वह समाज के लिए काफी लाभप्रद होगा और क्योंकि इससे लोग प्रभावित भी हो रहे हैं। इसके अलावा श्री पाण्डेय कथा वाचक और कवि के रूप में भी श्रीराम की लीलाओं को इन जन तक पहुंचाने में जुटे हैं।
कौन हैं पाणि पंकज पाण्डेय?
बाल रामायण रचयिता पाणि पंकज पाण्डेयसिंगरौली जिले के निवासी हैं। सिंगरौली में उनका परिवार विंध्यनगर के नवजीवन बिहार का मूलनिवासी हैं। अपनी पढ़ाई के दम पर उन्होंने वर्ष 2012 में कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी मिनीरत्न एनसीएल में नौकरी पाने का गौरव हासिल किया था। इसके बाद वह मिनीरत्न एनसीएल की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत रहने के बाद अब वर्तमान में कंपनी के मुख्यालय में मानव संसाधन कार्मिक विभाग में प्रबंधक के पदस्थ पर कार्यरत हैं।
राम काज में जुटा है पूरा परिवार
श्री पाण्डेय ने विंध्य आजतक को बताया कि उनके द्वारा रचित बाल रामायण का पूरा श्रेय प्रभु श्रीराम को जाता है क्योंकि बिना उनकी इच्छा के वह ऐसा नहीं कर पाते। वह बताते हैं कि उनके पिता गीता प्रसाद पाण्डेय, मां हीरा देवी, पत्नी अंशु प्रिया पाण्डेय और पुत्री अभिश्री, पुत्र अव्यंश भी उनके साथ श्रीराम के इस काज में हर कदम में सहभागी हैं।